शनि का राशि परिवर्तन:मिथुन, तुला से खत्म होगी ढय्या और धनु राशि से उतरेगी साढ़ेसाती
29 अप्रैल में शनि का राशि परिवर्तन होगा। ये ग्रह करीब ढाई साल तक एक ही राशि में रहता है। इस तरह तकरीबन 30 साल में फिर से अपनी ही राशि में आ जाता है। शनि देव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। अभी तक ये मकर राशि में थे और अब 29 तारीख से कुंभ में आ जाएंगे। जिससे साढ़ेसाती और ढय्या की स्थिति बदलेगी। शनि के राशि परिवर्तन से 3 राशियों को शनि की ढय्या और साढ़ेसाती से राहत मिलेगी।
कर्क और वृश्चिक राशि पर रहेगी ढय्या
शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढय्या शुरू हो जाएगी। जिसकी वजह से इन राशियों के लोगों को कड़ी मेहनत करनी होगी। नौकरी और बिजनेस में स्थान परिवर्तन होने के साथ ही रहने की जगह में भी बदलाव होने के योग बनेंगे। शारीरिक परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। पैर में चोट लगने या कोई ऑपरेशन होने की भी आशंका रहेगी। इन लोगों को गैर कानूनी कामों से बचना चाहिए। वरना परेशानियां बढ़ सकती हैं।
मीन राशि पर शुरू होगी साढ़ेसाती
29 अप्रैल को शनि के कुंभ में आने से मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। जिससे इस राशि के लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। साढ़ेसाती की वजह से कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं। एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ेगी। दौड़-भाग ज्यादा होगी और उसका फायदा कम मिलेगा। कर्ज लेने जैसी स्थितियां बनेंगी। पैर में चोट लगने या दुर्घटना होने की आशंका है। संभलकर रहना होगा।
किस राशि पर साढ़ेसाती का कौन सा चरण रहेगा
शनि देव के कुंभ में आते ही धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। वहीं, मकर राशि वालों पर इसका आखिरी चरण रहेगा। कुंभ राशि पर दूसरा और मीन राशि वाले लोगों पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा।
शनि के लिए कौन-कौन से शुभ काम करें
1. शनि के अशुभ असर को कम करने के लिए हर शनिवार शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा है।
2. हनुमान जी की पूजा से भी शनि दोष कम होते हैं।
3. हर दिन ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का 108 बार जाप करने से भी शनि के अशुभ असर से राहत मिलती है।
4. हर शनिवार तेल का दान करें। इसके लिए एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर तेल का दान करें।
5. शनिवार को काले तिल, कंबल, काली उड़द, लोहे के बर्तनों का और जूते-चप्पलों का दान भी किया जा सकता है।