रूस पर एक और बड़ा आरोप:बच्चों को सेना में भर्ती कर रहा रूस
कीव/मॉस्को। रूस-यूक्रेन जंग को 50 दिन से ज्यादा हो गया है, लेकिन अभी तक रूसी सेना राजधानी कीव पर कब्जा करने में नाकाम रही है। इससे रूस बौखला गया है। जंग में हजारों रूसी सैनिकों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद रूस पर बच्चों को अपनी सेना में भर्ती करने का आरोप लगा है।
16 साल के बच्चों की सेना में भर्ती
ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन ने आरोप लगाया है कि रूस 16 साल के बच्चों को सेना में भर्ती कर रहा है। एक अधिकारी ने कहा- क्रेमलिन पूर्वी यूक्रेन में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के लिए बच्चों की भर्ती का सहारा ले रहा है। वहीं, यूक्रेन का कहना है कि बच्चों को सेना में भर्ती करना जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन करता है। यूक्रेन के अधिकारियों ने इस मामले की जांच की मांग की है।
बच्चों की मर्जी के खिलाफ दी जा रही ट्रेनिंग
ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, बच्चों को उनकी मर्जी के खिलाफ ट्रेनिंग दी जा रही है। जल्द ही उन्हें जंग के मैदान में भेजा जाएगा। ट्रेनिंग में उन्हें हथियार चलाना, मिलिट्री और डिफेंस टैक्टिक्स सिखाया जा रहा है। इतना ही नहीं हो सकता है कि कुछ बच्चों को पहले ही लड़ाई में भेज दिया गया हो और वो जंग में अपनी जान गंवा चुके हों। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई ऐसे सैनिक भी जंग के मैदान में दिखाई दिए हैं जिनकी तैनाती युद्ध क्षेत्रों में नहीं की जानी चाहिए।
यूक्रेन ने की जांच की मांग
यूक्रेनी संसद में मानवाधिकार आयुक्त ल्यूडमिला डेनिसोवा ने कहा- वे (बच्चे) सैन्य प्रशिक्षण कर रहे हैं। इस दौरान कई किशोरों की मौत हुई है। अब रूस बच्चों सहित नागरिकों की सेना में भर्ती को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसा करके रूस ने नागरिकों की सुरक्षा और बच्चों के अधिकारों को लेकर बनाए गए 1949 के जिनेवा कन्वेंशन के कानूनों का उल्लंघन किया है। बच्चों की सेना में भर्ती अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इसकी जांच होनी चाहिए।
जानकारी के मुताबिक ये भर्तियां डोनेस्ट्क और लुहांस्क में हो रही हैं। ल्यूडमिला डेनिसोवा ने कहा- लुहांस्क और डोनेट्स्क के अधिकारी अवैध हथियारों के निर्माण के लिए रूसी पैट्रियोटिक क्लब में भाग लेने वाले बच्चों की लामबंदी कर रहे हैं।
बच्चों को ढाल बना रहे रूसी सैनिक
इसके पहले रूसी सैनिकों पर बच्चों को ह्यूमन शील्ड की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल ऑलेक्जेंडर मोटुज्यानिक ने कहा था- दुश्मन अपने काफिले, अपने वाहनों को पीछे ले जाते समय यूक्रेनी बच्चों को ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि बच्चों के पेरेंट्स उनकी जानकारी यूक्रेनी सैनिकों को न दे सकें। इतना ही नहीं रूसी सैनिकों पर लूटपाट और रेप जैसे आरोप भी लग चुके हैं।