राहु-केतु का राशि परिवर्तन:महंगाई और दुर्घटनाएं बढ़ने की आशंका है
11 अप्रैल को राहु-केतु के राशि बदलने से अब लोगों के जॉब और बिजनेस में बदलाव होने लगेंगे। इन ग्रहों के कारण होने वाले बदलाव बड़े और महत्वपूर्ण होते हैं। इनका असर आने वाले डेढ़ महीनों तक रहेगा। राहु के कारण कई लोगों की सेहत में भी सुधार होने लगेगा। इन दोनों ग्रहों की स्थिति सभी राशियों की ओर संकेत कर रही है कि रोजमर्रा के कामों में बहुत सावधानी रखनी होगी। नई योजनाएं बनेंगी और उन पर काम शुरू तो होगा। लेकिन कुछ रुकावटें भी आने की आशंका है।
18 साल बाद फिर मेष और तुला में राहु-केतु
18 साल बाद राहु-केतु फिर से मेष और तुला राशि में आए हैं। ये दोनों ग्रह एक राशि में 18 माह गोचर करते हैं। यह हमेशा वक्री होते हैं। इससे 18 साल पहले 2003-04 में यह दोनों ग्रह मेष एवं तुला राशि में रहे थे। ज्योतिषियों के अनुसार दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों के साथ ही देश-दुनिया पर भी पड़ेगा। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि मेष राशि के स्वामी मंगल हैं। ज्योतिष में मंगल और राहु आपस में शत्रु हैं। वहीं, तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं और केतु के साथ शुक्र की दुश्मनी नहीं है।
बड़े राजनीतिक बदलाव और महंगाई बढ़ने के योग
राहु के अधिदेवता काल है और प्रत्याधि देवता सर्प, इसलिए राहु के कारण ही जन्मकुंडली में कालसर्प का निर्माण होता है। राहु के मेष राशि में जाने से दुर्घटनाएं बढ़ने और प्राकृतिक आपदाओं की आशंका रहेगी। बड़े राजनीतिक बदलाव होंगे। मंहगाई रहेगी। तनाव बढ़ेगा। झूठी खबरें फैलेंगी। गर्मी ज्यादा और बारिश कम होने का अंदेशा है। बीमारियां बढ़ने और फसलें भी खराब होने की आशंका है।
राहु-केतु : स्थान परिवर्तन और धन लाभ
राहु-केतु के कारण लोगों के कामकाज और रहने की जगह में बदलाव होता है। इन ग्रहों के कारण स्थान परिवर्तन और धन लाभ भी होता है। राहु के शुभ प्रभाव से बुद्धि तेज होती है, लेकिन अशुभ प्रभाव से कंफ्यूजन होता है। बुद्धि से खेलना यानी योजनाएं और कूटनीति बनाने का काम भी राहु के कारण होता है। ये ग्रह राजनीति करवाता है।
देश की सीमाओं पर भी राहु का प्रभाव होता है। इसलिए देश की सीमाओं से जुड़े बदलाव भी इस ग्रह की वजह से होते हैं। केतु के कारण हिम्मत वाले काम होते हैं। केतु की वजह से ही घर-परिवार में अधिकारों और संपत्ति को लेकर संघर्ष की स्थिति भी बन सकती है।
मेष राशि में राहु: कामकाज में अचानक बदलाव
मेष राशि में राहु के आने से अचानक कामकाज के तरीकों में बदलाव होता है। विवाद होते हैं। लोगों में आक्रामकता बढ़ेगी। लोग कूटनीति और षडयंत्र बनाएंगे। राहु के प्रभाव से भ्रम ज्यादा होगा। भ्रम की वजह से दुर्घटनाएं होंगी। विवाद और तनाव के हालात भी बनेंगे।
राहु के कारण राजनीति से जुड़े लोगों के जीवन में बड़े बदलाव जरूर होते हैं। इस क्षेत्र से जुड़े लोग किसी षडयंत्र का भी शिकार हो सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को संभलकर रहना होगा। राहु की वजह से सभी राशि वालों के खानपान में बदलाव होगा। जिससे कुछ लोगों को पेट संबंधी बीमारियों से राहत मिल सकती है वहीं कुछ लोगों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।
तुला राशि में केतु: जोखिम भरे फैसले
तुला राशि में केतु का बदलाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है। तुला जो कि शुक्र की राशि है, इसमें केतु का आने का मतलब है, साहस, कूटनीति और शक्ति का बढ़ना। केतु के कारण कई लोग बिजनेस, लेन-देन और निवेश में जोखिम भरे फैसले कर सकते हैं। कई कामों में रुकावटें और विवाद की स्थिति बनेंगी। कुछ लोग गलत निवेश का फैसला ले सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों का कामकाज बढ़ सकता है। मेहनत भी ज्यादा करनी पड़ेगी।
इस ग्रह के कारण कुछ खास कामों में नाटकीय बदलाव भी हो सकते हैं। केतु के असर से अचानक कुछ लोगों के कामकाज की गति तेज हो सकती है। वहीं, चलते हुए कुछ काम अचानक रुक भी सकते हैं। केतु की वजह से उग्रता बढ़ सकती है।