जप, दान और ध्यान का दिन: नवमी
रविवार, 10 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि की नवमी है। इस दिन श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। नवरात्रि की नवमी पर देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप और ध्यान करने से नकारात्मकता दूर होती है और मन को शांति मिलती है। नवमी तिथि पर छोटी कन्याओं को भोजन करना चाहिए। भोजन के बाद कन्याओं का पूजन करें। कन्याओं को लाल चुनरी ओढ़ाएं। दक्षिणा दें। पढ़ाई के लिए जरूरी चीजें भेंट करें।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार नवरात्रि की नवमी तिथि पर देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवमी तिथि पर सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। स्नान के बाद घर के मंदिर में मंत्र जप और ध्यान करें। सुबह-सुबह किए गए जप और ध्यान से ऊर्जा और उत्साह बना रहता है। आलस दूर रहता है। ध्यान करने से शरीर को स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं।
ऐसे कर सकते हैं देवी दुर्गा की सरल पूजा
नवमी तिथि पर देवी दुर्गा को जल चढ़ाएं। लाल फूल, लाल चुनरी और सुहाग का सामान चढ़ाएं। कुमकुम से तिलक करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं। मंत्र जाप करें। देवी मंत्रों का जप कम से कम 108 बार करना चाहिए। पूजा में देवी मंत्र दुं दुर्गायै नम:, मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला की मदद से करना चाहिए। पूजा करने वाले भक्त को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जाप के लिए किसी ऐसी जगह का चयन करें, जहां शांति और पवित्रता हो। एकाग्र मन से किए गए जाप से सकारात्मक फल मिलते हैं।
सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्येत्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।
ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
इन मंत्रों के अलावा दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जा सकता है। देवी कथाएं भी पढ़ और सुन सकते हैं। इस दिन किसी गौशाला में धन और हरी घास का दान करें।