पाकिस्तान में सियासी घमासान: इमरान ने पंजाब प्रांत के CM का इस्तीफा लिया
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सियासी सूरत तेजी से बदल रही है। सोमवार को इमरान खान सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश हुआ। इस पर 31 मार्च को बहस और फिर वोटिंग होगी। केंद्र में अपनी सरकार बचाने के लिए इमरान ने देश के सबसे बड़े सूबे में अपनी पार्टी का CM हटा दिया और गठबंधन छोड़कर जा रहे सहयोगी को कुर्सी सौंप दी। दूसरी तरफ,विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDM) ने नई सरकार के लिए शहबाज शरीफ का नाम प्रधानमंत्री के तौर पर चुना है।
अब करीब-करीब ये तय हो गया है कि इमरान कुर्सी नहीं बचा पाएंगे। इसकी दो वजहे हैं। पहली- गठबंधन और खुद की पार्टी के करीब 39 सांसद ऐलानिया तौर पर साथ छोड़ चुके हैं। दूसरी- अब तक साथ देती आई फौज भी खान से पल्ला छुड़ा चुकी है।
पंजाब में बदलाव क्यों
इमरान ने पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार को हटाकर परवेज इलाही को कुर्सी देने का फैसला इसलिए किया ताकि इलाही गुट विपक्ष के पाले में न चला जाए। हालांकि, इलाही के पास 8 सांसद ही हैं और अकेले उनके दम पर इमरान कुर्सी नहीं बचा सकते। इसकी वजह यह है अपोजिशन के समर्थक सांसदों का आंकड़ा 210 के करीब पहुंचने की खबर है। बहुमत के लिए सिर्फ 172 सांसद ही चाहिए।
अविश्वास प्रस्ताव से पहले एक्टर हुमायूं सईद, मुनीब बट्ट, हारून शाहिद, अदनान सिद्दिकी और सबा कमर समेत कई पाकिस्तानी सितारे सोशल मीडिया पर इमरान का समर्थन करते दिखे।
होम मिनिस्टर शेख रशीद ने कहा था कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद 4 अप्रैल को वोटिंग हो सकती है। बता दें कि पाकिस्तान में प्रस्ताव आने के 3 दिन बाद और 7 दिन से पहले वोटिंग होती है।
अविश्वास प्रस्ताव से एक दिन पहले इमरान सरकार को तगड़ा झटका लगा। बलूचिस्तान की जम्हूरी वतन पार्टी के प्रमुख शाहजेन बुगती ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। बुगती इमरान के स्पेशल असिस्टेंट थे। इमरान सरकार में मंत्री असद उमर ने इमरान खान को सलाह दी है कि वो नए चुनाव कराएं, जिससे विपक्ष को ये पता चल सके कि कौन किस के साथ है। मंत्री ने कहा कि इमरान भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ जंग छेड़ रहे थे, जो गलत तरीकों से कमाए गए धन के जरिए पाकिस्तान की राजनीति में शामिल थे।
इमरान खान की रैली
रविवार को इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान सियासी ताकत दिखाने की कोशिश की। दावा था कि रैली में 10 लाख से ज्यादा लोग आएंगे, लेकिन 1 लाख लोग भी नहीं जुट पाए। रैली में कई मुद्दों का जिक्र किया गया। इमरान ने इमोशनल कार्ड भी खेला। कहा- जान जाए या हुकूमत। मैं मुजरिमों को माफ नहीं करूंगा। विपक्ष के तीन चूहे मुल्क को लूट रहे हैं।
विदेशी पैसे की मदद से पाकिस्तान में सरकार बदलने की साजिश रची जा रही है। इस साजिश का हमें कई महीनों से पता है, लेकिन हम किसी की गुलामी नहीं करेंगे।
मेरे पास जो खत है, वह सबूत है। बहुत जल्द खुलासा करूंगा। मैं ऐसी कोई बात नहीं करना चाहता कि मेरे मुल्क को नुकसान पहुंचे। हालांकि इमरान ने यह नहीं बताया कि इस खत में क्या लिखा है।
जनरल मुशर्रफ ने चोर और डाकुओं का साथ दिया। आज हम उनके कर्ज की किस्तें भर रहे हैं। हुकूमत जाती है जाए, जान जाती है तो जाए, मुजरिमों को माफ नहीं करूंगा।
अपोजिशन के 3 चूहे मुल्क को लूट रहे हैं। पार्लियामेंट में जब वोटिंग होगी तो पूरी कौम देखेगी। अगर विपक्ष को हुकूमत पसंद नहीं है तो इस्तीफा दो। 25 करोड़ रुपए क्यों लेते हो।