अंडमान-निकोबार पहुंचा साल का पहला चक्रवात आसनी

अंडमान-निकोबार पहुंचा साल का पहला चक्रवात आसनी
बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान आसनी आज अंडमान-निकोबार के तट से टकराएगा। इंडियन कोस्ट गार्ड ने बंगाल की खाड़ी और अंडमान-निकोबार द्वीप पर सभी नाविकों और मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की है। उन्हें समुद्र में नहीं जाने की हिदायत दी गई है। अंडमान निकोबार द्वीप पर तूफानी हवाएं और भारी बारिश जारी है।

तूफान के कारण पोर्ट ब्लेयर और आसपास के द्वीपों के बीच चलने वाले सभी जहाजों को समुद्र में जाने से रोक दिया गया है। साथ ही यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 03192-245555/232714 और टोल-फ्री नंबर 1-800-345-2714 जारी किया है।

मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही 2022 के पहले साइक्लोन को लेकर चेतावनी जारी की थी। विभाग ने कहा था कि बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र एक चक्रवर्ती तूफान का रूप ले सकता है।

21 मार्च को चक्रवाती तूफान में बदलेगा आसनी
विभाग ने बताया, ‘अंडमान-निकोबार के बाद इसकी उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। 20 मार्च को इसकी इंटेंसिटी कम होगी, जबकि 21 मार्च को यह चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके बाद यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और 22 मार्च को उत्तर म्यांमार-दक्षिण पूर्व बांग्लादेश तटों के पास पहुंचेगा।
मार्च में 132 साल में एक भी ट्रॉपिकल साइक्लोन इस क्षेत्र में नहीं आया
IMD के डायरेक्टर मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि साल 1891-2022 के बीच मार्च के महीने में अब तक सिर्फ 8 साइक्लोन (अरब सागर में दो और बंगाल की खाड़ी में 6) बने हैं। आसनी मार्च में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से टकराने वाला पहला ट्रॉपिकल साइक्लोन चक्रवात बन सकता है। मार्च में पिछले 132 साल में एक भी ट्रॉपिकल साइक्लोन इस क्षेत्र में नहीं आया है।
चक्रवात के लिए कैसे तैयारी कर रहा प्रशासन
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने 17 मार्च को बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवात के चलते केंद्रीय मंत्रालयों-एजेंसियों और अंडमान-निकोबार द्वीप के प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने मंत्रालयों-एजेंसियों को नियमित निगरानी रखने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अंडमान और निकोबार प्रशासन के संपर्क में रहने का निर्देश दिया।
मछली पकड़ने, पर्यटन और शिपिंग पर रोक
गृह मंत्रालय ने बताया कि अंडमान-निकोबार में बचाव और राहत अभियान के लिए NDRF के जवानों को विभिन्न स्थानों पर तैनात कर दिया है। इसके अलावा, मछली पकड़ने, पर्यटन और शिपिंग गतिविधियों को रोक दिया गया है। मछुआरों को समुद्र से लौटने की सलाह दी गई है। भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और इंडियन कोस्ट गार्ड स्टैंड बाई पर है। यदि जरूरत पड़ी तो केंद्रीय मंत्रालय भी सहायता करेगा।

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