यूपी की 57 सीटों का एनालिसिस:2017 से 2% कम वोटिंग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गुरुवार को विधानसभा चुनाव के छठे फेज का मतदान खत्म हो गया। इस बार करीब 54% वोटिंग हुई है। 2017 में इन्हीं 57 सीटों पर 56.52% मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 2% कम वोटिंग हुई है। 2012 में इन्हीं सीटों पर 55.19% वोटिंग हुई थी। वहीं, 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में 1.3% का इजाफा हुआ था।
पिछले 3 चुनावों में इन 57 सीटों का एनालिसिस करें तो पता चलता है कि जब-जब वोट प्रतिशत बढ़े तो उस समय के विपक्षी दलों को फायदा हुआ। 2017 में 1.3% वोटिंग बढ़ने पर भाजपा को यहां 38 सीटों का फायदा हुआ था।
बात 2017 चुनाव की…
भाजपा को इन 57 सीटों में से 46 पर जीत मिली थी
2017 में 56.52% वोटिंग हुई तो भाजपा को इन 57 सीटों में से 46 पर जीत मिली थी, जबकि 2012 में 55.19% वोटिंग हुई थी। तब भाजपा को इन 57 सीटों में से महज 8 सीटें मिली थीं। यानी 2017 में 1.3% वोटिंग बढ़ने पर भाजपा को 38 सीटों का फायदा हुआ था।
सपा को 2012 में इस इलाके में 32 सीटें मिली थीं। 2017 में महज 2 सीटें मिलीं, यानी 1.3% वोटिंग बढ़ने पर सपा 30 सीटों का नुकसान हुआ। 2017 में बसपा को 5 और कांग्रेस को 1 सीट मिली। बसपा को 9 और कांग्रेस को 21 सीटों का नुकसान हुआ।
बात 2012 और 2007 चुनाव की…
2012 में सपा सपा को 32 सीटों पर जीत मिली
2012 में इन 57 सीटों पर 55.19% वोटिंग हुई। तब सपा को यहां 57 में से 32 सीटों पर जीत मिली। 2012 में बसपा को यहां की 57 सीटों में से 9, कांग्रेस को 5 सीटों पर जीत मिली थी।
2007 में तकरीबन 48% वोटिंग हुई थी। तब भाजपा को 10, सपा को 19, बसपा 21 और कांग्रेस को 5 सीटें मिली थीं।
पढ़िए पहले 5 फेज में कैसी रही वोटिंग प्रतिशत-
1. पहले चरण की 58 सीटों पर 62.4% वोटिंग हुई थी, जो 2017 से 1.2% कम
पहले चरण में 10 फरवरी को वेस्ट UP में वोटिंग हुई थी। तब यहां की 58 सीटों पर 62.4% वोटिंग हुई। 2017 में इन 58 सीटों पर औसतन 63.75% मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 1.2% वोटिंग कम हुई है। 2012 में इन्हीं 58 सीटों पर 61.03% वोटिंग हुई थी, यानी 2017 में 2% से ज्यादा वोट का इजाफा हुआ था।
2. दूसरे चरण की 55 सीटों पर 64.42% वोटिंग हुई, जो 2017 से 1.1% कम
दूसरे चरण में 64.42% वोटिंग हुई है। 2017 में इन्हीं 55 सीटों पर 65.53% मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 1.1% कम वोटिंग हुई है। 2012 में इन 55 सीटों पर 65.17% वोटिंग हुई थी। 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में करीब 0.36% का इजाफा हुआ था। 2012 में सपा को 29 और 2017 में भाजपा को यहां 33 सीटों का फायदा हुआ। इस बार इन 55 सीटों पर 1% वोटिंग घटी है।
3. तीसरे चरण में 59 सीटों पर 61% वोटिंग हुई, जो 2017 से 1.21% कम
तीसरे चरण में 61% वोटिंग हुई है। 2017 में थर्ड फेज में इन्हीं 59 सीटों पर 62.21% मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 1.21% कम वोटिंग हुई है। 2012 में इन 59 सीटों पर 59.79% वोटिंग हुई थी। 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में करीब 2.42% का इजाफा हुआ था। 2012 में सपा को 37 और 2017 में भाजपा को यहां 41 सीटों का फायदा हुआ। इस बार इन 59 सीटों पर 0.7% वोटिंग घटी है।
4. चौथे चरण में 59 सीट पर 61.65% वोटिंग हुई, जो पिछले चुनाव से करीब 1% कम
चौथे चरण में करीब 61.65% वोटिंग हुई है। 2017 में इन्हीं 59 सीटों पर 62.55% मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 1% कम वोटिंग हुई है। 2012 में इन 59 सीटों पर 57.52% वोटिंग हुई थी। वहीं, 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में 5% का इजाफा हुआ था। 2012 में 8% बढ़ने पर सपा को 22 और 2017 में 5% वोटिंग बढ़ने पर भाजपा को यहां 48 सीटों का फायदा हुआ था।
5. पांचवें चरण में 2017 के मुकाबले 1.1 प्रतिशत कम पड़े वोट
पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर 57.3 प्रतिशत वोट पड़े, जबकि 2017 की बात करें तो 58.4 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। यानी 1.1 प्रतिशत ज्यादा वोट पड़े थे। इस बार का मतदान प्रतिशत घटा है। 2012 की बात करें तो 55.12 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जोकि 2017 से करीब 3 प्रतिशत कम, जबकि 2022 से करीब 2 प्रतिशत कम है।