SP- कलेक्टर ने पैर छूकर पं. मिश्रा से आशीर्वाद लिया

रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने का मामला:SP- कलेक्टर ने पैर छूकर पं. मिश्रा से आशीर्वाद लिया
सीहोर। सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव के स्थगित होने के बाद मप्र की राजनीति गरमा गई है। शासन-प्रशासन आयोजन के अचानक बंद होने से सवालों के घेरे में है। आरोप झेल रहा पुलिस-प्रशासन बुधवार को कथा पंडाल पर पहुंचा। उन्होंने कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से आशीर्वाद लेकर व्यासपीठ को नमन किया। कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर और एसपी मयंक अवस्थी ने शिव महापुराण कथा सुनी। कथा समापन के अवसर पर वे व्यासपीठ की आरती में भी शामिल हुए। इसके अलावा कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल भी पं. मिश्रा से मिला और अचानक से महोत्सव को रद्द करने को लेकर बात की।

पंडित मिश्रा बोले – धर्म को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं
कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा – कथा को लोगों ने राजनीति का मंच बना लिया। उन्होंने कहा कि कथा में मुझे हिन्दू चाहिए राजनेता नहीं। मैं हिन्दुओं को जगाने के लिए कथा करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने की, सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा देता हूं। इस आयोजन को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाएं। जिला प्रशासन ने पूरा सहयोग किया है। कलेक्टर एसपी ने सारी व्यवस्थाएं कर दी हैं। शिव महापुराण कथा सुचारू रूप से चल रही है। जिला प्रशासन के आला अफसर दिनभर व्यवस्था में लगे हुए हैं।
एसपी ने वर्दी में छुए पैर, पूर्व डीजीपी ने बताया नियम विरुद्ध
मामला गरमाने के बाद बुधवार को एसपी पंडित मिश्रा से आशीर्वाद लेने पहुंचे और वर्दी में ही पैर छुआ। इसे लेकर पूर्व डीजीपी दिनेश जुगरान ने बताया कि यह नियम विरुद्ध है। वर्दी पहनकर आप सिर्फ सैल्यूट कर सकते हैं। यह विभागीय अनुशासन के भी खिलाफ है।
कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल पंडित मिश्रा से मिला
मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि पूर्व सीएम कमलनाथ के निर्देश पर बुधवार को पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल, विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल और मनोज चावला पं. मिश्रा से मिलने पहुंचे। उन्होंने पं. मिश्रा से कहा – 28 फरवरी के घटनाक्रम से कमलनाथ काफी आहत हुए हैं। जिस प्रकार से महाराज जी ने व्यासपीठ से आंखों में आंसू लिए हुए दबाव के कारण कार्यक्रम को स्थगित करने की घोषणा की, निश्चित तौर पर उससे देशभर के लाखों श्रद्धालु दुखी हुए हैं।

प्रशासन के इस गैर जिम्मेदाराना कदम से श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश है। इससे प्रदेश, देशभर में शर्मसार हुआ है। इस कथा का आयोजन प्रदेश और सीहोर की पावन धरा के लिए एक अनुपम सौगात के रूप में है। जब कई दिनों पूर्व ही इस कार्यक्रम की जानकारी व सूचना प्रशासन को दे दी गई थी तो उन्होंने श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए व्यवस्था को लेकर आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाए?

मध्य प्रदेश के इतिहास में किसी भी धार्मिक आयोजन को इस तरह दबाव डालकर स्थगित कराने की घटना पहली बार हुई है। यह सनातन धर्म के भी खिलाफ है और इससे धार्मिक भावनाएं भी आहत हुई है, इसके दोषी अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने महाराज को कहा कि कांग्रेस और कमलनाथ का पूरा समर्थन इस कार्यक्रम के साथ है।

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