ऑस्ट्रेलिया पर जीत का असली हीरो कौन
नई दिल्ली। खराब फॉर्म से जूझ रहे अजिंक्य रहाणे ने भारतीय क्रिकेट में नई कंट्रोवर्सी शुरू कर दी है। रहाणे के श्रीलंका सीरीज में खेलने पर संशय है। साउथ अफ्रीका दौरे से पहले उनकी उप-कप्तानी भी ले ली गई थी। इन्हीं सब बातों पर उनका दर्द छलका और बोले कि ऑस्ट्रेलिया में 2020-21 के दौरे पर जीत उन्होंने दिलाई और इसका सेहरा किसी और के सिर बांध दिया गया।
रहाणे की टीम में वापसी को लेकर बहस जोरों पर है, कहा यह भी जा रहा है कि श्रीलंका दौरे पर उनकी जगह बन पाना मुश्किल है। पर रहाणे ने कहा, “जब लोग कहते हैं कि मेरा करियर खत्म हो गया है तो मैं हंस देता हूं। जो लोग खेल को समझते हैं वो इस तरह की बातें नहीं करेंगे।”
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‘फैसले मैंने लिए, लोगों को बताया गया कि हमारा फैसला था’
बोरिया मजूमदार के शो बैकस्टेज विद बोरिया शो पर रहाणे ने कहा कि हर कोई जानता है कि ऑस्ट्रेलिया में क्या हुआ था और उससे पहले भी टेस्ट क्रिकेट में मेरा योगदान क्या था। जो लोग खेल को प्यार करते हैं, वो समझदारी की बातें करते हैं।
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में जब वह कप्तान थे, तब उन्होंने कुछ फैसले लिए, लेकिन इसका क्रेडिट किसी और ने लिया। उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि मैंने वहां पर क्या किया है। मुझे किसी को बताने की जरूरत नहीं है। मेरी आदत नहीं है कि मैं क्रेडिट लूं। हां, कुछ चीजें ऐसी थीं जो मैंने ऑन फील्ड फैसले लिए थे या ड्रेसिंग रूम में फैसले लिए थे, उसका क्रेडिट किसी और ने लिया। मेरे लिए जरूरी ये था कि हम सीरीज जीतते। लोगों की बाद में जो प्रतिक्रियाएं आई थीं, जो लोगों को बाद में बताया गया जो बाद में मीडिया में आया कि ये हमने किया ये हमारा फैसला था, ये उनकी बातें थीं, लेकिन मुझे पता है कि मैंने क्या फैसले लिए थे।’
2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी हो चुका है विवाद
2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी टेस्ट में कुलदीप यादव ने पहली पारी में 5 विकेट लिए थे। इसके बाद शास्त्री ने कहा था कि विदेशों में वह भारत के नंबर वन स्पिनर हैं। शास्त्री ने कहा था कि हर किसी का समय आता है। कुलदीप के प्रदर्शन के बाद यहां तक कहा जाने लगा था कि अश्विन सिर्फ भारतीय पिचों पर गेंदबाजी करने के लिए बने हैं।
अश्विन ने कहा था कि वह क्यों टूट गए थे
टेस्ट में 427 विकेट ले चुके अश्विन ने ESPN क्रिकइंफो से एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैंने रवि भाई को काफी सम्मान दिया। हम सब ऐसा करते हैं। मेरा मानना है कि हम कुछ बातें कहते हैं और फिर उन्हें वापस ले लेते हैं, लेकिन उस एक पल में मैंने खुद को पूरी तरह से टूटा हुआ पाया। मैं कुलदीप के लिए खुश था। मैं एक पारी में 5 विकेट नहीं ले पाया हूं, लेकिन उसने लिए हैं। मुझे पता है कि यह कितनी बड़ी उपलब्धि है। रवि भाई के इस बयान से मैं टूट गया था।’
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2-1 से जीती थी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी
2020-21 में टीम इंडिया बॉर्डर-गावस्कर सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। कैप्टन कोहली ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो एडिलेड में खेले जाने वाले पहले टेस्ट के बाद पूरी सीरीज के लिए मौजूद नहीं रहेंगे।
एडिलेड टेस्ट में भारत को 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस टेस्ट की दूसरी पारी में तो कोहली एंड कंपनी 36 पर ढेर हो गई थी। विराट के सीरीज के ब्रेक लेने के बाद टीम की कप्तानी अजिंक्य रहाणे के पास थी और इसके बाद जो हुआ वो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया।
MCG में खेला गया दूसरा टेस्ट भारत ने 8 विकेट से जीता। सिडनी में खेला गया तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा। सीरीज का आखिरी टेस्ट ब्रिस्बेन, गाबा में होने वाला था जहां AUS 32 साल से नहीं हारा था। टीम इंडिया ने ये मुकाबला 3 विकेट से जीतकर 2-1 से टेस्ट सीरीज पर कब्जा जमाया था।
आउट ऑफ फॉर्म हैं रहाणे
जनवरी 2021 से रहाणे का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा है। उन्होंने 19.95 के बहुत ही साधारण औसत के साथ 547 रन बनाए हैं। उनके नाम पर एक शतक दर्ज है। अफ्रीका दौरे पर पुजारा ने 6 पारियों में 124 और रहाणे ने सिर्फ 136 रन बनाए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका सीरीज में सिलेक्टर्स अजिंक्य रहाणे की जगह किसी युवा खिलाड़ी को मौका दे सकते हैं।