लता जी का अंतिम संस्कार:राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, भाई और भतीजे ने दी मुखाग्नि
आज तानपुरे से सितार तक और बांसुरी से शहनाई तक सब बेसुरे हैं। …और तबला, पखावज, ढोल मृदंग, सब बेताला हो रहे। तिरंगे तक ने सिर नवा दिया। स्वर कोकिला लता दीदी नहीं रहीं।
लता जी ने सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर अंतिम सांस ली और शाम 7 बजकर 16 मिनट पर उन्हें मुखाग्नि दी गई। कोरोना और निमोनिया से 29 दिन लड़ीं, लेकिन कितना लड़तीं… उमर भी तो 92 साल हो चली थी। अंतिम संस्कार मुंबई के शिवाजी पार्क में किया गया। तब तक देश वहीं मौजूद रहा, खड़ा रहा।
मुखाग्नि भतीजे आदित्य ने दी, साथ में भाई हृदयनाथ मंगेशकर झुके सिर और नम आंखों से हर वो काम करते रहे, जो आदित्य कर रहे थे। बगल में सबकुछ देखतीं लता ताई की बहनें उषा, आशा और मीना भी मौजूद थीं। बैठी सी।
नरेंद्र भाई ने लता दीदी को प्रणाम किया
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े लोग आए और करीब से श्रद्धांजलि देते गए। बाकी लाखों-करोड़ों लोग दूर से, घरों से, अपने-अपने शहरों से और जिसे जहां जगह मिली, वहां से सब देखते रहे। अपने तरीके से अंतिम प्रणाम करते गए।
दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित
लता जी के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा यानी देशभर में झंडा आधा झुका रहेगा और किसी भी तरह के जश्न का कार्यक्रम नहीं होगा। महाराष्ट्र सरकार ने लताजी के सम्मान में सोमवार की सार्वजनिक छुट्टी और तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को आधे दिन की छुट्टी घोषित कर दी है।
अंतिम यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग
इससे पहले, सेना के जवान लता जी के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर घर से बाहर लाए। इसके बाद आर्मी, नेवी, एयरफोर्स और महाराष्ट्र पुलिस के जवानों ने उनकी अर्थी को कंधा दिया। उनका पार्थिव शरीर फूलों से सजे सेना के ट्रक में रखकर शिवाजी पार्क ले जाया गया। मुंबई के हजारों लोग लता ताई को अंतिम विदाई देने सड़कों पर उतर आए। लता जी की पार्थिव देह दोपहर 1.10 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल से उनके घर पहुंची थी।