कोविड के खिलाफ लड़ाई में ब्यूरोकेट्स के प्रबंधन- भूमिका पर सीनियर आईएएस तरूण पिथोड़े ने लिखी किताब

द बेटल अगेंस्ट कोविड, डायरी ऑफ ब्यूरोकेट्स सीएम को की भेंट
बैतूल। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौर में ब्यूरोकेट्स द्वारा संक्रमण को रोकने, संक्रमितों के उपचार, प्रवासी श्रमिकों के इंतजामातों के लिए किये गये प्रबंधन पर फोकस करते हुए बैतूल के पूर्व कलेक्टर वर्तमान में एमडी सिविल सप्लाई कार्पोरेशन वरिष्ठ आईएएस अफसर तरूण पिथोड़े ने 224 पेज की एक किताब लिखी है। किताब अंग्रेजी में है और खासी लोकप्रिय हो रही है। श्री पिथोड़े ने ”द बेटल अगेंस्ट कोविड, डायरी ऑफ ब्यूरोकेट्सÓÓ शीर्षक से प्रकाशित अपनी किताब गत दिवस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेंट की। मुख्यमंत्री ने भी पुस्तक की सराहना की है। श्री पिथोड़े ने अपनी किताब में कोविड संक्रमण की पहली एवं दूसरी लहर के दौरान बतौर भोपाल कलेक्टर पदस्थ रहते हुए स्वयं के अनुभवों के साथ-साथ देश के लगभग 8 राज्यों के ब्यूरोकेट्स के अनुभवों को भी शामिल किया है। ब्लूम्सबरी प्रकाशन द्वारा यह किताब प्रकाशित की गई है। 487 रूपए मूल्य की किताब अमेजन पर ऑनलाइन खरीदी के लिए उपलब्ध है। आठ राज्यों के ब्यूरोकेट्स के अनुभवों को किया साझा
कोविड की पहली लहर के दौरान वरिष्ठ आईएएस अफसर तरूण पिथौड़े भोपाल कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे। प्रदेश में कोविड के हॉट स्पाट भोपाल में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने एवं वैश्विक महामारी को रोकने के लिए उन्होंने रात दिन एक कर दिया था। संक्रमण के दौरान की प्रत्येक परिस्थिती को उन्होंने अत्यंत करीब से देखा था। श्री पिथौड़े के मुताबिक कोविड के खिलाफ लड़ाई में ब्यूरोकेट्स की भूमिका एवं प्रबंधन को रेखांकित करने के लिए उन्होंने स्वयं के अनुभवों, रणनीति प्रबंधन के साथ ही मप्र, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, असम, बिहार, उप्र के ब्यूरोकेट्स से चर्चा कर कोरोना संक्रमण की पहली, दूसरी लहर में उनके अनुभवों, रणनीति को भी किताब में शामिल किया है।
श्री पिथोड़े ने अपनी इस किताब में हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर लौटे लाखों प्रवासी मजदूरों के बारे में भी लिखा है जिनके लिए उन शहरों में अचानक कोई जगह नहीं बची थी जहां वे लंबे अरसे से काम कर रहे थे।
इसके अलावा प्रवासी श्रमिकों की तकलीफों, डॉक्टरों, पुलिस अधिकारियों, नागरिकों द्वारा अपनी जान की बाजी लगाकर कोविड से संघर्ष की कहानियों का समावेश ”द बेटल अगेंस्ट कोविड, डायरी ऑफ ब्यूरोकेट्सÓÓ में किया गया है। सीनियर आईएएस अधिकारी श्री पिथोड़े के मुताबिक कोविड के खिलाफ लड़ाई एक अमूल्य रिकार्ड है। उन्होंने एक प्रशासक के साथ व्यक्ति के रूप में कोरोना संक्रमण के दौर में हुए अनुभवों को भी पुस्तक में साझा किया है।
उल्लेखनीय है कि आईएएस तरूण पिथोड़े एक शानदार प्रशासनिक अफसर होने के साथ-साथ बेहद संवेदनशील व्यक्तित्व के धनी भी है। पूरी दुनिया में चल रही इस महामारी के दौर में शासन- प्रशासन स्तर पर होने वाली व्यवस्थाओं और अव्यवस्थाओं को लेकर बहुत कुछ लिखा और दिखाया गया है। लेकिन श्री पिथोड़े ने इस महामारी के दौर के एक ऐसे पहलू को अपनी किताब के माध्यम से छूने की कोशिश की है जिसमें उन अफसरों की कार्यप्रणाली को रेखांकित करने की कोशिश की गई है जिसमें अफसरों द्वारा इस महामारी से निपटने के लिए हर स्तर पर भरसक प्रयास किये गये है।

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