प्रदेश में गुजर गया कोरोना का पीक, नया वैरिएंट भी घातक नहीं

प्रदेश में गुजर गया कोरोना का पीक, नया वैरिएंट भी घातक नहीं
मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर का पीक 27 जनवरी को ही आकर गुजर चुका है। यह दावा IIT कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन ने किया है। उनका दावा है कि अब राज्य में ओमिक्रॉन संक्रमण की रफ्तार धीमी होना शुरू हो जाएगी।
प्रोफेसर रंजन के मुताबिक, भोपाल में भी कोरोना का पीक 27-28 जनवरी को निकल चुका है। ग्वालियर में पीक 22 से 25 जनवरी के आसपास इंदौर के साथ ही आकर गुजर चुका है। उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश के डेटा की स्टडी करने से पता चलता है कि 10 फरवरी तक केस 5 हजार से कम आना शुरू हो जाएंगे। इस दौरान यदि कोविड नियमों का पालन किया गया, तो माह के मध्य में केस घटकर रोजाना 1 हजार से भी नीचे आ जाएंगे।
MP में आ चुका है ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट
दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में डॉ. रंजन ने यह भी दावा किया है कि ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA.2 भी मध्य प्रदेश में आ चुका है, लेकिन यह ज्यादा घातक साबित नहीं होगा। BA.2 ओमिक्रॉन का ही एक सब-स्ट्रेन है और इसका उपनाम स्टील्थ ओमिक्रॉन भी है। यूनाइटेड किंगडम की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, BA.2 कोविड स्ट्रेन को ओमिक्रॉन (BA.1) सब-स्ट्रेन माना जाता है। BA.1 बहुत तेजी से फैलने की क्षमता रखता है, लेकिन BA.2 की संक्रमित करने की क्षमता ज्यादा नहीं बताई जा रही है।
सात दिन में घट गए 13,994 एक्टिव केस
मध्यप्रदेश में बुधवार को 7359 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, 9696 लोगों ने कोरोना से जंग जीत ली है, लेकिन मौत के आंकड़े कम नहीं हाे रहे हैं। बुधवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 6 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या में भी कमी आ रही है। एक सप्ताह में एक्टिव केस 13,994 कम हो गए हैं। आंकड़े देखें, तो 27 जनवरी को प्रदेश में 67,945 संक्रमित थे। 2 फरवरी को जारी बुलेटिन के मुताबिक, यह आंकड़ा घटकर 53,951 हो गया है।
BA.2 के यह लक्षण
जानकारों का मानना है कि इसके लक्षण पहले वैरिएंट की तुलना में कुछ अलग नहीं हैं। इसका मतलब है कि अगर किसी को नीचे बताए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो उसे तुरंत कोरोना की जांच करानी चाहिए। इन लक्षणों में शामिल हैं- बहती या भरी हुई नाक, थकान महसूस होना, सिरदर्द, लगातार खांसी, सांस की तकलीफ या सांस लेने में परेशानी, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, स्वाद या गंध की भावना का नया नुकसान, गले में खराश, और उलटी- दस्त।
पीक की परिभाषा क्या है?
लगातार 15 दिन तक रिकवर होने वाले मरीज ज्यादा और नए संक्रमित कम मिलें, तो उसे पीक कहते हैं। पीक बताता है कि वायरस को अपना प्रसार करने के लिए ज्यादा लोग नहीं मिल रहे हैं। इसकी शुरुआत पॉजिटिविटी रेट गिरने या स्थिर होने से होती है।
– दूसरी लहर की सटीक भविष्यवाणी कर चुके हैं – फरवरी में बताया था कि अप्रैल-मई में पीक रहेगा – WHO ने भी पूर्वानुमान को सटीक माना था – मूल रूप से डेटा मॉडलिंग में साइंटिस्ट हैं – US से पिछले साल ही लौटे हैं

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