यूक्रेन-रूस में जंग के आसार:नाटो देशों में अमेरिकी सैनिक

यूक्रेन-रूस में जंग के आसार:नाटो देशों में अमेरिकी सैनिक
वॉशिंगटन/मॉस्को। यूक्रेन मुद्दे पर अमेरिका और रूस के बीच टकराव जंग की शक्ल अख्तियार करता जा रहा है। सोमवार को इस मामले में कुछ अहम अपडेट्स हुए। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही उत्तरी यूरोप और बाल्टिक देशों में अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए बड़े फैसले करने जा रहे हैं। यहां हजारों अमेरिकी सैनिक अब किसी भी वक्त कूच कर सकते हैं। फाइटर जेट्स और वॉरशिप भी तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा अमेरिका ने यूक्रेन में मौजूद अपनी एम्बेसी के अधिकारियों से कहा है कि वो अपने फैमिली मेंबर्स को फौरन अमेरिका वापस भेज दें।
जंग का खतरा करीब इसलिए तैयारी
रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन ये समझ चुके हैं कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है। इससे पूरे उत्तरी यूरोप और बाल्टिक देशों को खतरा पैदा हो जाएगा। इनमें से ज्यादातर अमेरिका के सहयोगी हैं। लिहाजा, बाइडेन हजारों अमेरिकी सैनिकों के अलावा फाइटर जेट्स और वॉरशिप्स इन देशों में तैनात करने का आदेश किसी भी वक्त जारी कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो यह जंग अगर शुरू होती है तो यह अमेरिका बनाम रूस बन जाएगी।
इसका मतलब, बातचीत से नाउम्मीद
लगता यही है। रूस का अड़ियल रुख इस कदर है कि रविवार को जिनेवा में हुई रूसी और अमेरिकी विदेश मंत्रियों की बातचीत में सिर्फ यह नतीजा निकला कि इस मुद्दे पर अगले दौर की चर्चा होगी। लेकिन, कब होगी? इस पर तस्वीर साफ नहीं है। यही वजह है कि अमेरिका ने भी इस जंग में सीधे उतरने का मन बना लिया है।
शनिवार को मैरीलैंड में पेंटागन के अफसरों ने बाइडेन के सामने रूस से निपटने के कई विकल्प पेश किए। इनमें से एक यह है कि रूस पर सैन्य दबाव बनाने के लिए उसके करीबी देशों में अमेरिकी सैनिक, फाइटर जेट्स और वॉरशिप तैनात किए जाएं। 1 से 5 हजार अमेरिकी सैनिक इन देशों में किसी भी वक्त भेजे जा सकते हैं।
अमेरिकी एम्बेसी को आदेश
अमेरिकी विदेश विभाग ने रविवार देर रात कीव (यूक्रेन की राजधानी) में अपनी एम्बेसी को एक आदेश जारी किया। इसमें एम्बेसी के अफसरों से कहा गया है कि वो अपनी फैमिली मेंबर्स को फौरन अमेरिका वापस भेज दें। हालांकि, एम्बेसी अभी खुली है और इसको बंद करने के बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में कहा है कि कुछ डिप्लोमैट्स को भी यूक्रेन छोड़ने को कहा गया है। लेवल 4 (यानी खतरा करीब) की एक ट्रैवल एडवाइजरी भी जारी की गई है। इसके मायने ये हुए कि अमेरिकी नागरिक यूक्रेन न जाएं।
चेर्नोबिल पर भी खतरा
यूक्रेन की राजधानी कीव से 93 किमी. दूर स्थित चेर्नोबिल में भी लगभग 7500 यूक्रेनी सैनिक तैनात हैं। चेर्नोबिल में 1986 में न्यूक्लियर रिएक्टर से रिसाव की चर्चित घटना हुई थी। हिरोशिमा से लगभग 400 गुना ज्यादा रेडिएशन के कारण ये दुनिया की सबसे ज्यादा रेडियोएक्टिविटी वाली जगह है। मोर्चे पर यूक्रेन के ले. कर्नल यूरी सैक्राइचुक का कहना है कि चेर्नोबिल हमारे देश का अभिन्न अंग है, हम इसकी रक्षा करेंगे।
रूस और यूक्रेन के बीच जमीन के साथ साथ समुद्री सीमा पर भी बड़े पैमाने तनाव शुरू हो गया है। रूस ने अपनी नौसेना के 6 जहाजों को भूमध्यसागर में भेजा है। रूसी रक्षा मंत्रालय इसे नौसेना का अभ्यास बता रहा है, लेकिन जानकारों का कहना है कि ये यूक्रेन को घेरने के लिए है।

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