नगालैंड हिंसा मामला:सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठाई
नगालैंड में सेना की फायरिंग में 14 लोगों के मारे जाने के मामले में सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी है। इसकी अगुवाई मेजर जनरल रैंक के एक अधिकारी को सौंपी गई है। सेना के सूत्रों के मुताबिक, यह अधिकारी नॉर्थईस्ट सेक्टर में तैनात हैं।
वहीं, नगालैंड CM नीफियू रियो और मेघालय CM कोनराड के सांग्मा ने गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि राज्यों से AFSPA कानून हटाया जाए। खास बात यह है कि नगालैंड CM नीफियू रियो डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नगालैंड पार्टी से हैं, जो भाजपा से गठबंधन करके बनी है।
नगालैंड सीएम ने कहा- AFSPA ने देश की छवि खराब की
नीफियू रियो ने कहा कि गृह मंत्री इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हमने घटना में प्रभावित लोगों को सहायता राशि दी है। हम केंद्र सरकार से कह रहे हैं कि नागालैंड से AFSPA को हटाया जाए, क्योंकि इस कानून ने हमारे देश की छवि धूमिल कर दी है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के सांग्मा ने भी ट्वीट करके AFSPA को हटाने की बात कही है।
17 मौतों के दावे से पीछे हटा आदिवासी संगठन
नगालैंड के आदिवासी संगठन ने दावा किया था कि मोन जिले में सेना की फायरिंग में 17 लोगों की मौत हुई है, इसके कुछ देर बाद ही वह इस दावे से पीछे हट गया। जबकि, पुलिस का कहना है कि 14 लोगों की ही जान गई है। नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (NSF) ने प्रदेश में पांच दिनों के शोक का ऐलान किया है। उन्होंने आदिवासियों से अपील की है कि इस दौरान किसी तरह के सेलिब्रेशन में शामिल न हों।
अधिकारियों का कहना है कि हादसे में घायल हुए 28 लोगों में से 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। नगालैंड के चीफ मिनिस्टर नीफियू रियो और डिप्टी चीफ मिनिस्टर वाई पैट्टन आज घटनास्थल का दौरा करेंगे। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह इस मामले में दोनों सदनों में जवाब देंगे।
PM ने बुलाई हाई लेवल बैठक
नगालैंड में हुए हादसे के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल की बैठक बुलाई है। इसमें गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत सभी वरिष्ठ नेता शामिल हैं। इसके बाद इस घटना के बारे में अमित शाह शाम को दोनों सदनों में बयान देंगे। लोकसभा में वे 3 बजे और 4 बजे राज्यसभा में जवाब देंगे। वहीं, विपक्ष ने इस हादसे के बारे में विस्तार से चर्चा करने की मांग करते हुए सदनों के स्थगन का नोटिस दिया है।
सेना की टुकड़ी पर मर्डर का मामला दर्ज
नगालैंड में हुए हिंसक टकराव के मामले में सेना की टुकड़ी पर FIR दर्ज कर ली गई है। इसमें इरादतन हत्या की धाराएं लगाई गई हैं। राज्य सरकार ने केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है और इसकी जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम गठित की है। दरअसल, यहां मोन जिले में रविवार को आर्मी की फायरिंग में 13 नागरिकों और एक जवान की मौत हो गई थी।
हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने असम राइफल्स पर हमला किया, जिसमें एक और नागरिक मारा गया। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, मोन टाउन में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सोमवार तक के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जरूरी सामान की सप्लाई छोड़कर सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
सेना की इंटेलिजेंस में चूक
इससे पहले असम राइफल्स के अधिकारियों ने बताया कि उग्रवादी संगठन NSCN से जुड़े उग्रवादियों के गुजरने की सूचना मिली थी। इसके चलते सुरक्षाबलों ने शनिवार को ओटिंग गांव के पास मोर्चा जमा रखा था। इसी दौरान टिरू-ओटिंग रोड पर एक ट्रक आया। इनपुट में जिस रंग की गाड़ी के बारे में बताया गया था, ट्रक उसी रंग का था। जवानों ने ट्रक को रुकने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं रुका। ट्रक के नहीं रुकने पर उसमें उग्रवादी होने की आशंका के चलते सिक्योरिटी फोर्सेज ने फायरिंग की, जिसमें 6 लोगों की मौके पर और 2 लोगों की बाद में अस्पताल में मौत हो गई।
गुस्साए गांववालों ने किया सुरक्षाबलों पर हमला
शनिवार रात की इस घटना के बाद आसपास के गांवों के लोगों ने सुरक्षाबलों को घेर लिया और उन पर जानलेवा हमला कर दिया। असम राइफल्स का एक सैनिक गंभीर घायल हो गया, जिसकी मौत हो गई। सुरक्षा बलों की फायरिंग में 5 लोगों की भी मौत हो गई। असम राइफल्स के अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों को यहां लोगों से जान बचाने के लिए सेल्फ डिफेंस में फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान सुरक्षा बलों को गंभीर चोटें आई हैं और उनके तीन वाहन भी उत्तेजित भीड़ ने जला दिए हैं। इस घटना को लेकर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं।
BJP नेता के साथी की मौत
नगालैंड में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष न्यावांग कोन्याकी ने सेना पर फायरिंग का आरोप लगाया है। मोन जिले के BJP नेता ने कहा कि शनिवार को वे कहीं जा रहे थे, इस दौरान सेना ने उन पर फायरिंग की। इसमें उनके साथी की मौत हो गई।