15 की उम्र में IS में शामिल हुईं शमीमा बेगम बोलीं- मुझ पर ब्रिटेन में मुकद्मा चलाएं
लंदन। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होना बांग्लादेशी मूल की ब्रिटिश युवती शमीमा बेगम को अब भारी पड़ रहा है। ब्रिटेन ने उनके देश लौटने पर रोक लगा दी है। कानूनी वजहों से वो बांग्लादेश नहीं लौट सकतीं। फिलहाल, सीरिया में एक रिफ्यूजी कैम्प में रह रही हैं। अब शमीमा ने एक बार फिर ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें ब्रिटेन लौटने दिया जाए। शमीमा ने कहा- ब्रिटेन सरकार मुझ पर केस चला सकती है। मैंने सिर्फ एक गुनाह किया है। और वो ये कि मैं किसी को बिना बताए सीरिया गई।
ब्रिटेन वापसी की मंजूरी मिले
ब्रिटेन सरकार साफ कर चुकी है कि शमीमा के मुल्क वापसी के तमाम दरवाजे बंद हो चुके हैं। इसके बाद से वो लगातार ब्रिटेन सरकार से गुहार लगा रही हैं कि उन्हें मुल्क लौटने दिया जाए और कानून के मुताबिक, जो भी सजा हो वो दी जाए। शमीमा ने रविवार को ‘स्काय न्यूज’ को इंटरव्यू दिया। इसमें कई सवालों के जवाब दिए और एक बार फिर यही गुहार लगाई कि उन्हें ब्रिटेन लौटने दिया जाए।
गलती मानने को तैयार
एक सवाल के जवाब में शमीमा ने कहा- ब्रिटिश सरकार ने मेरी नागरिकता छीन ली है। मैं अब कहीं नहीं जा सकती। अब 22 साल की हो चुकी शमीमा ने कहा- 15 साल की उम्र में जब मैंने ब्रिटेन छोड़ा तब कुछ दोस्तों ने मुझे बहका दिया था। इन सब लोगों से मेरी ऑनलाइन मुलाकात हुई थी। इस बात को अब 6 साल बीत चुके हैं। अब मैं बस ब्रिटेन लौटना चाहती हूं, फिर चाहे पूरी जिंदगी जेल में ही क्यों न बितानी पड़े। मैंने सिर्फ एक गुनाह किया कि मैं सीरिया गई और आईएस के दहशतगर्द से शादी की। इसके अलावा मैंने कोई गलत काम नहीं किया। किसी टेरर एक्टिविटी में शामिल नहीं रही।
कौन हैं शमीमा बेगम?
बांग्लादेश मूल की ब्रिटिश नागरिक हैं। 2015 में अन्य दो लड़कियों के साथ आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया गईं। बाकी दो लड़कियों का कोई अता-पता नहीं चल सका। शमीमा 2019 में सीरिया के एक रिफ्यूजी कैम्प में मिलीं। तब वे 9 माह की गर्भवती थीं। बच्चा हुआ तो उसकी निमोनिया से मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शमीमा के पहले भी दो बच्चे हुए थे, पर दोनों की मौत हो गई थी। शमीमा पर आरोप है कि वो फिदायीन हमलावरों के लिए जैकेट बनाने में माहिर हैं, हालांकि वो इससे इनकार करती हैं।