दो मैचों में बैतूल की बेटी भूमि ने किए 8 गोल
जिले के खेल के इतिहास में आज तक कोई नहीं कर पाया इतने गोल
बैतूल की बेटी भूमि का हॉकी प्रतियोगिता में बना हुआ है शीर्ष स्थान
फोटो- भूमि
बैतूल। प्रतिभा तो प्रतिभा होती है उसे बस मंच मिलना चाहिए। जैसे ही प्रतिमा को मंच उपलब्ध होता है वह अपने जौहर दिखा ही देती है। ऐसी ही एक प्रतिभा बैतूल की बेटी भूमि है जिसने झांकी में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में हो रही राष्ट्रीय महिला हॉकी प्रतियोगिता के दो मैचों में 8 गोल दागकर प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान प्राप्त कर लिया है। बैतूल जिले के इतिहास में आज तक इतनी बड़ी उपलब्धि कोई नहीं हासिल कर पाया है। यह श्रेय और सफलता भूमि को ही मिली है।
बैतूल को किया गौरवान्वित
पूर्व वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी एवं सक्रिय समाजसेवी हेमंतचंद्र बबलू दुबे ने बताया कि बैतूल की बेटी भूमि ने बैतूल को गौरान्वित किया है। राष्ट्रीय महिला हाकी प्रतियोगिता में अब तक सर्वाधिक गोल कर इस प्रतियोगीता में टॉप स्कोकर बनी हुई है। आज तक बैतूल के खेल इतिहास में कोई नहीं कर पाया यह कारनामा जो भूमि ने कर दिखाया है।
शीर्ष स्थान पर है भूमि
श्री दुबे ने बताया कि झांसी के मेजर ध्यानचंद हाकी स्टेडियम में चल रही राष्ट्रीय महिला हाकी में जर्सी नंबर 5 पहनी हुई मध्यप्रदेश की खिलाड़ी भूमि ने सर्वाधिक 8 गोल दो मैचों में कर इस प्रतियोगीता मे शीर्ष स्थान पर बने होने का गौरव हासिल किया है जो हम सब बैतूल और प्रदेश वासियो के लिये गौरव करने का विषय है। बैतूल में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम के समीप साधारण परिवार में पली- बढ़ी भूमि ने बैतूल की भूमि को अपनी खेल प्रतिभा से गौरान्वित किया है।
हॉकी से भूमि को बेहद लगाव
भूमि का बचपन से ही हाकी के प्रति लगाव रहा और हाकी की बारीकियों को भूमि ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग की पूर्व हाकी कोच पूजा कुरील से सीखा और समझा। आज वही ट्रेनिंग और अभ्यास भूमि की सफलता की कहानी झांसी में बयां कर रहे हैं। अपने जीवन में भूमि बेहद ही अनुशासन प्रिय है और मैदान पर अपने अभ्यास के प्रति अत्यंत सजग और ईमानदार रहती है। समय से मैदान पर जाना और अपने सीनियर खिलाडिय़ों से हाकी की तकनीकियों को सीखना जैसे भूमि के खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा है। आज यही सब खूबिया हंै जो भूमि को सफलता अर्जित करने में सहायक सिद्ध हो रही है।
पढ़ाई में है मेधावी है भूमि
पूर्व वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी एवं सक्रिय समाजसेवी हेमंतचंद्र बबलू दुबे ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में भी भूमि की गिनती अच्छे पढऩे वाले स्टूडेंट्स में होती है। भूमि ने खेल के साथ पढ़ाई के बीच सुन्दर समन्वय स्थापित किया है। कोविड़ काल में भी भूमि ने अपने अभ्यास को बनाये रखा और कोविड़ से पूर्व भूमि सतपुड़ा वैली पब्लिक स्कूल से जुड़ी रही। मंै बैतूल हाकी और मध्यप्रदेश हाकी के पदाधिकारियों को भी धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने भूमि की प्रतिभा को पहचानकर उसकी प्रतिभा के साथ न्याय किया है। हम सब आशा करते है कि हाकी इंडिया के चयनकताओं की नजर भी भूमि की खेल प्रतिभा पर अवश्य पड़ेगी और भविष्य में भूमि भारत भूमि और तिरंगे के लिये भी अपनी सेवाएं दे पाएंगी। भूमि इस प्रतियोगिता में सबसे अधिक गोल करते हुये मध्यप्रदेश को प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक दिलवाने में सफल हो और अपने जिले, प्रदेश और फिर देश का नाम रौशन करें।