18 दिन से जेल में बंद आर्यन की जमानत पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई
मुंबई1मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में गिरफ्तार आर्यन खान की जमानत अर्जी पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। खास बात ये है कि आज नामी वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आर्यन खान की पैरवी करेंगे। उन्होंने खुद ये जानकारी दी है। रोहतगी सोमवार रात को ही मुंबई पहुंच चुके हैं। आर्यन की अर्जी का सीरियल नंबर 57 है, इस लिहाज से इसकी सुनवाई थोड़ी देर में शुरू होने की उम्मीद है।
इससे पहले आर्यन की बेल एप्लिकेशन दो बार स्पेशल NDPS कोर्ट और किला कोर्ट से खारिज हो चुकी है। जमानत खारिज करते हुए अदालत ने कहा था, ‘पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि आर्यन ड्रग्स से जुड़ी गतिविधियों में नियमित रूप से शामिल थे।’
NDPS कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि वॉट्सऐप चैट से भी यही लगता है कि आर्यन ड्रग्स सप्लायर के संपर्क में थे। इस मामले में कोर्ट ने अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत अर्जियां भी खारिज कर दी थीं।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने तीन अक्टूबर को मुंबई से गोवा जा रहे एक क्रूज से पहले 8 लोगों को गिरफ्तार किया था और फिर इनसे पूछताछ के आधार पर अब तक कुल 20 लोग अरेस्ट किए जा चुके हैं। इस मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन 8 अक्टूबर से मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। आर्यन पर NDPS कानून के तहत ड्रग्स रखने और इस्तेमाल करने का आरोप है।
आर्यन की जमानत को लेकर फिलहाल ये 3 स्थितियां बन रही हैं
पहली: 29 अक्टूबर तक हाईकोर्ट आर्यन की जमानत याचिका पर सुनवाई करे। 29 या इससे पहले जमानत याचिका को मंजूर कर ले। तब आर्यन 29 से 30 अक्टूबर तक अपने घर जा सकते हैं।
दूसरी: आज की सुनवाई में आर्यन के वकील जमानत की मांग करेंगे, लेकिन NCB पिछले 3-4 दिनों में हुए नए प्रकरणों और आर्यन की चैट के आधार पर जमानत का विरोध करेगी। सुनवाई एक दिन में हो जाए, इसकी संभावना कम है, क्योंकि बहस लंबी चल सकती है। हाईकोर्ट 29 अक्टूबर तक खुला है।
फिर 30 अक्टूबर को शनिवार और 31 को रविवार है। इसके बाद 1 नवंबर से 15 नवंबर तक दीपावली की छुट्टियां हैं। आमतौर पर शनिवार को कोर्ट में केस की फाइलिंग ही होती है। सुनवाई के चांस कम रहते हैं। हालांकि, जज आखिरी मौके पर डिसाइड करें तो स्पेशल कोर्ट सुनवाई कर सकता है। इसमें अगर बेल रिजेक्ट होती है, तो आर्यन को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगानी होगी।
तीसरी: एक संभावना ये भी है कि NDPS कोर्ट की तरह हाईकोर्ट जमानत पर फैसला 15 नवंबर तक सुरक्षित रखे। हालांकि, इसकी उम्मीद बहुत कम है। इसकी एक वजह ये भी है कि दीपावली के बाद जजों के रोस्टर चेंज होंगे, फिर कोई नए जज बेंच पर आएं और फिर से उनके सामने सारी दलीलें रखी जाएं, ऐसा संभव नहीं है।