सेना बोली- हिजबुल्लाह से युद्ध नहीं चाहते, लेकिन थोपा गया तो पीछे नहीं हटेंगे, 2 हजार रॉकेट रोज झेल सकते हैं
तेल अवीव। इजराइल हमेशा युद्ध जैसी चुनौतियों का सामना करता रहता है। मई 2021 में हमास के साथ जंग लड़ चुका इजराइल फिर युद्ध की तैयारी कर रहा है। लेबनान के आतंकी समूह हिजबुल्लाह को लेकर इजराइल की तरफ से बड़ा बयान आया है।
इजराइली सेना के सीनियर ऑफिसर ने AFP को बताया है कि वे हिजबुल्लाह से युद्ध नहीं करना चाहते हैं, लेकिन लड़ाई छिड़ने पर एक दिन में 2 हजार रॉकेट्स का सामना भी कर सकते हैं।
आयरन डोम 90% रॉकेट हमले रोकने में सक्षम
मई 2021 में इजराइल की आर्मी फिलिस्तीनी ग्रुप हमास के खिलाफ 11 दिन तक युद्ध लड़ चुकी है। युद्ध के दौरान हमास ने इजराइल पर 4,400 रॉकेट फायर किए थे। इजराइल की आर्मी का दावा है कि उन्होंने 90% रॉकेट हमले आयरन डोम की मदद से रोक लिए थे। इनमें से 300 रॉकेट ही जमीन पर गिरे थे, बाकि सभी को हवा में ही मार गिराया गया था। इस एंटी मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल इजराइल दशकों से करता आया है।
रोजाना 400 रॉकेट फायर करता था हमास
इजराइली आर्मी के होम फ्रंट कमांड के चीफ यूरी गोर्डिन ने बताया कि हमास ने सबसे ज्यादा रॉकेट हमले तेल अवीव और अशदोद में किए थे। उस समय रोजाना तकरीबन 400 रॉकेट फायर किए जाते थे। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह से युद्ध होने पर हम उम्मीद कर रहे हैं कि रोजाना इससे पांच गुना ज्यादा रॉकेट फायर किए जा सकते हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि लेबनान की तरफ से करीब 1,500 से 2,500 रॉकेट रोजाना फायर किए जाएंगे।
सिविलियन्स को बचाने के लिए अलग कमांड
यूरी गोर्डिन ने बताया कि उनकी यूनिट पर 1992 की पहली गल्फ वॉर में सिविल डिफेंस की जिम्मेदारी थी। यानी युद्ध के दौरान होने वाली गंभीर चुनौती के समय लोगों को तैयार रखने और उन्हें बचाने की जिम्मेदारी यूरी की कमांड पर ही थी।
250 नगर पालिकाओं के संपर्क में रहती है आर्मी
2006 में हिजबुल्लाह के साथ हुए युद्ध में लेबनान के 1,200 लोग मारे गए थे। इनमें ज्यादातर आम लोग थे। इसके अलावा 1,60 इजराइली नागरिकों की भी मौत हुई थी। हालांकि, इनमें ज्यादातर सैनिक थे। गोर्डिन ने बताया कि हमले पुराने युद्ध से काफी कुछ सीखा है। आज हमारी यूनिट इजराइल की 250 नगर पालिकाओं में मदद मुहैया कराती है।