स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली बार स्कूल भी होंगे शामिल
इंदौर। इंदौर को इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में अच्छे अंक लाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। अगर शहर के स्कूलों में गीले-सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन नहीं मिले, तो अंकों में कटौती होगी। पहली बार, भारत सरकार ने स्कूलों की स्वच्छता को स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल किया है, जिससे नगर निगम के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है।
स्कूलों की सफाई के लिए 400 अंक निर्धारित
फरवरी से शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में स्कूलों की सफाई के लिए 400 अंक निर्धारित किए गए हैं। अगर सर्वेक्षण के दौरान स्कूलों में सफाई व्यवस्था निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं मिली, तो शहर की रैंकिंग प्रभावित होगी।
इंदौर, जो लगातार सात बार स्वच्छता में शीर्ष स्थान पर रहा है, में कुल 1,200 स्कूल हैं, जिनमें 80 शासकीय और 1,120 गैर-शासकीय स्कूल शामिल हैं। सभी स्कूल स्वच्छता सर्वेक्षण के दायरे में हैं और नगर निगम ने इनका डेटा अपलोड कर दिया है।
स्कूलों पर रहेगा सर्वेक्षण टीम का खास ध्यान
स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम इस बार सबसे ज्यादा फोकस स्कूलों पर रखेगी। भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित दुनिया के सबसे बड़े स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली बार स्कूलों को शामिल किया गया है, जिससे स्कूली बच्चों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।