सीतारमण बोलीं- नेहरू ने संविधान संशोधन स्वार्थ के लिए किया
नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को संविधान पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच जमकर तकरार हुआ। वित्त मंत्री ने कहा- कांग्रेस पार्टी परिवार और वंशवाद की मदद करने के लिए बेशर्मी से संविधान में संशोधन करती रही। ये सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए किया गया था।
इस पर खड़गे ने कहा, ‘जो लोग तिरंगे, अशोक चक्र और संविधान से नफरत करते थे, वे आज शिक्षा दे रहे हैं। जब संविधान बना, तो इन लोगों ने इसे जला दिया था। जिस दिन संविधान अपनाया गया था, इन्होंने रामलीला मैदान दिल्ली में बाबासाहेब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी के पुतले जलाए थे। RSS के नेता संविधान का विरोध इसलिए करते हैं क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं है।’
खड़गे ने कहा, ‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से ग्रेजुएट हैं। मैंने म्यूनिसिपल स्कूल से पढ़ाई की है, लेकिन संविधान हमने भी थोड़ा-बहुत पढ़ा है। निर्मला जी की अंग्रेजी और हिन्दी अच्छी होगी, लेकिन उनके कर्म अच्छे नहीं हैं।’
खड़गे के भाषण की 3 बड़ी बातें…
1. पीएम मोदी की स्पीच सुनी। कहते हैं हमारी बातें जुमले वाली हैं। अरे सबसे बड़े झूठे तो आप हो। आपका 15 लाख रुपए देने का वादा क्या हुआ।
2. शाह जी के पास बहुत बड़ी वॉशिंग मशीन है। उसमें आदमी जाता है क्लीन होकर आता है। हमारे कई नेता उधर गए, जीवन भर हमारे साथ रहे। अब हमें ही सुनाते हैं।
3. 70 सालों में जो हुआ, उसी की वजह से आप डॉक्टर, इंजीनियर बने। मोदी पीएम बने, मैं लेबर का बेटा नेता प्रतिपक्ष बना। आप खुद को तीस मारखां मत समझिए। ये नेहरू जी की देन है।
सीतारमण के भाषण की 3 बातें…
1. कांग्रेस GST को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहती है। धनखड़ ने कहा, ‘क्या होगा अगर कोई गब्बर सिंह आकर कहे कि मुझे बदनाम किया गया है।’
2. कांग्रेस ने दशकों तक पुराने संसद भवन के मध्य में बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर नहीं लगने दी, उन्हें भारत रत्न से वंचित रखा गया।
3. मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल भेजा गया था। क्योंकि इन लोगों ने नेहरू के खिलाफ कविता सुनाई थी।