SP से परिवार बोला- 75KG के देवांशु को ऊपरी कमरे तक अकेले कैसे ले गया सतीश
इंदौर। इंदौर में रियल एस्टेट कंपनी के सेल्स डायरेक्टर के मर्डर केस में भले ही तीन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, पर परिवार को अब भी देवांशु मिश्रा के दोस्त सतीश पर शक है। रविवार को परिवार SP आशुतोष बागरी से मिलने पहुंचे। परिवार ने ऐसे तमाम पॉइंट्स गिनाए, जो सतीश की भूमिका पर संदेह पैदा करते हैं। परिवार का आरोप है कि देवांशु की हत्या कराई गई है। पुलिस ने सिर्फ मारने वाले पकड़ लिए हैं।
SP से मुलाकात के बाद परिवार ने बताया कि पुलिस ने सिर्फ वायरल VIDEO पर अपनी जांच सीमित कर दी है। देवांशु को सतीश किस रास्ते से उसके कमरे तक लेकर गया, पुलिस ने जांच नहीं की। देवांशु की कोई बड़ी डील होने वाली थी। उससे सतीश की 1 महीने पहले ही दोस्ती हुई थी और वह घटना (6 अक्टूबर) से 4 दिन पहले ही उसका रूममेट बना था। 75 किलो के देवांशु को नशे में धुत उसके दोस्त सतीश ने पहली मंजिल के कमरे पर अकेले ले जाकर कैसे सुलाया? यह भी बड़ा सवाल है।
करोड़ों की किसी डील की बात कही थी
देवांशु के परिवार का कहना है कि घटना के 4 दिन पहले ही देवांशु ने फोन कर बताया था कि उसकी एक बहुत बड़ी डील रियल एस्टेट में चल रही है। डील करोड़ों की है। अगर यह फाइनल हो गई तो उसका फ्यूचर बन जाएगा। इसी डील की खुशी में उसने कंपनी के वर्कर्स को पार्टी दी थी। इस पार्टी में मौजूद किसी भी वर्कर से पुलिस ने अब तक बात नहीं की। देवांशु और सतीश को कार से जिस दोस्त ने स्कीम नंबर-78 पर उतारा था, (यहां से ही सतीश और देवांशु एक्टिवा से अपने कमरे के लिए रवाना हुए थे।) उस रास्ते की भी पुलिस ने जांच नहीं की।
लेफ्ट टू राइट- पकड़े गए आरोपी अल्लू, अलीम और किन्नर जोया।
लेफ्ट टू राइट- पकड़े गए आरोपी अल्लू, अलीम और किन्नर जोया।
सतीश की भूमिका पर संदेह
इंदौर आए देवांशु के चाचा जयशंकर मिश्रा ने कहा कि पुलिस को सतीश से भी सख्ती से पूछताछ करनी चाहिए। बॉम्बे हॉस्पिटल के पास देवांशु को चाकू मारे गए। वह घायल हो गया। इसके बाद भी सतीश ने उसे अस्पताल न ले जाकर घर लाकर क्यों सुला दिया? उसने पुलिस को भी सूचना नहीं दी। देवांशु से उसकी 1 महीने पहले ही दोस्ती हुई थी और घटना के 4 दिन पहले ही वह उसके साथ रहने आया था। इस कारण सतीश की भूमिका पर संदेह है।
पहली मंजिल पर रहते थे, सतीश ऊपर कैसे ले गया?
परिवार का कहना है कि देवांशु का वजन करीब 75 kg था। घटना के बाद यदि दोनों कमरे पर पहुंच गए थे, तो क्या सतीश ने उसे ऊपर अकेले ले जाकर सुला दिया। घटना के बाद पकड़े गए आरोपियों ने यह बताया था कि सतीश और देवांशु सामने से गाड़ी लहराते चलाते आ रहे थे। इससे उन्हें लगा कि दोनों ने शराब पी रखी है। इसके बाद उन्होंने घटना की। अब सवाल यह उठता है कि जब सतीश नशे में था तो उसे कमरे तक कैसे ले गया और ऊपर ले जाकर कैसे सुला दिया।
सिर्फ चेन लूटी, अंगूठी और पर्स नहीं!
परिवार का कहना है कि घटना के समय 2 सोने की अंगूठी और पर्स भी देवांशु के पास था। यदि हत्या करने वाले रुपए के लिए लूट कर रहे थे, तो वे सोने की अंगूठी और पर्स भी छीन कर ले जाते। लेकिन, चेन छीनने के बाद उन्होंने देवांशु पर हमला किया और मौके से फरार हो गए।