ऑस्ट्रेलियन-अमेरिकन को लगाया 3 करोड़ का चूना
अजमेर। कोरोना में नौकरी जाने के बाद अच्छी नौकरी नहीं मिलने और ज्यादा कमाई के लालच ने पढे़-लिखे युवाओं को साइबर ठग बना दिया। ऐसे ठग फर्राटेदार इंग्लिश बोलकर विदेशियों को झांसे में लेने लगे। पहले से तय की गई स्क्रिप्ट के जरिए कोई इनकम टैक्स ऑफिसर बनता तो कोई अमेजन कंपनी का प्रतिनिधि। इसके बाद शुरू हुआ, इनकी ठगी का खेल।
इन युवाओं की तनख्वाह भले ही 25 हजार थी, लेकिन ठगी की कमाई में अच्छा-खासा इंसेंटिव मिलता था। इंसेटिव से कमाई एक लाख तक हो जाती थी। 7 अक्टूबर को पुष्कर के दो लग्जरी रिसॉर्ट में अलग-अलग रेड के बाद पकड़ में आए आरोपियों से इस बात का खुलासा हुआ है। पकड़े गए आरोपियों में फर्जी कॉल सेंटर के संचालक सहित 1 युवती और 17 युवक शामिल हैं। बाद में एक अन्य आरोपी दिल्ली निवासी सौरभ शर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
अजमेर ग्रामीण असिसटेंट एसपी IPS सुमित मेहरड़ा ने बताया कि कोरोना काल में पिता की मौत के बाद बिजनेस में हुए नुकसान व 15 लाख के कर्जे को चुकाने के लिए दिल्ली निवासी राहुल ने कॉल सेन्टर खोला था। उसने करीब तीन माह से होटल में ही कमरे बुक कर रखे थे। इन कॉल सेन्टर से संचालकों को करीब चालीस लाख रुपए से ज्यादा मासिक इनकम होती थी। ऐसे में दोनों कॉल सेन्टर पर तीन माह में करीब ढाई से तीन करोड़ रुपए की ठगी की गई।
ठगी के लिए फिक्स होती थी स्क्रिप्ट
जिस तरह किसी आम कॉल सेंटर में काम करने वालों को ट्रेनिंग दी जाती है, उसी तरह पकड़े गए सभी आरोपियों को भी ट्रेनिंग दी गई। बाकायदा अंग्रेजी में बात करने के लिए एक स्क्रिप्ट इन्हें दी जाती थी। इससे पहले विदेशियों का डेटा उपलब्ध कराया जाता था, जिसे संचालक ऑनलाइन वेबसाइट से खरीदते थे। ये डेटा भी ऑस्ट्रेलिया में इनकम टैक्स पे करने वालों और अमेरिका में अमेजन ऐप इस्तेमाल करने वाला का होता था।
कॉल सेंटर में काम करने वालों को अमेरिकन एक्सेंट की भी ट्रेनिंग दी जाती थी, ताकि किसी प्रकार का शक न हो। इसके बाद स्क्रिप्ट के अनुसार कॉल लगाकर सवाल किए जाते थे। जैसे ही कॉलर इनकी बातों में आता, झट से ठगी की वारदात को अंजाम दे देते। ऑस्ट्रेलिया में इनकम टैक्स अधिकारी बनकर ठगी करने वाले कॉल सेंटर को बिहार निवासी राहुल राज चलाता था। जिसने रातों-रात अमीर बनने के लिए यह काम चालू किया था।
कर्जा बढ़ा तो खाेला कॉल सेन्टर
द नेचर रिट्रीट रिजॉर्ट से गिरफ्तार दिल्ली निवासी राहुल के पिता का डिजिटल मार्केटिंग का बिजनेस था। अप्रैल 2021 में कोरोना के दौरान उसके पिता की मौत हो गई। अपने पिता का बिजनेस संभालते ही राहुल को जून तक ही पन्द्रह लाख रुपए का घाटा हो गया। कर्ज चुकाने के लिए ज्यादा कमाई की जरूरत थी तो दोस्तों से पता कर राहुल ने जुलाई माह में पुष्कर में आकर एक कॉल सेन्टर खोल लिया। यहां ये अमेजन कंपनी का प्रतिनिधि बनकर ठगी करने लगे।
बीते तीन माह में एक सेन्टर से करीब सवा करोड़ रुपए की इनकम की गई। इसमें से यहां काम पर लगे करीब दस युवाओं को एक से सवा लाख रुपए मासिक का भुगतान किया। यहां होटल में रहने व खाने के अलावा अन्य खर्च करने के बाद भी अच्छी खासी कमाई कर अपना कर्जा चुका दिया।
कोरोना में नौकरी गई तो जॉइन किया कॉल सेन्टर
पुष्कर के द नेचर रिट्रीट रिसोर्ट में पकड़ी गई युवती संगम विहार दिल्ली निवासी स्वाति सिलश्वाल कोरोना से पहली मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करती थी। कोरोना में जब नौकरी चली गई तो ऑनलाइन वैकेंसी के जरिए इनके सम्पर्क में आई। यहां उसे पच्चीस हजार रुपए मासिक वेतन व इंसेंटिव पर रख लिया गया। स्वाति यहां कॉल करने व रिसिव करने का काम करती थी। यहां उसे सैलरी के अलावा इंसेंटिव मिलाकर करीब एक लाख रुपए महीने की कमाई होने लगी।
कोटा व नागौर के युवक दोस्तों के जरिए पहुंचे कॉल सेन्टर
पकडे़ गए युवकों में कोटा के तुषार व विकास तथा नागौर का विकास भी शामिल है। ये सभी लोग अपने दोस्तों के जरिए कॉल सेन्टर में नौकरी के लिए पहुंचे। यहां उन्हे अच्छी तनख्वाह व इंसेटिव मिलने लगा तो यहीं काम करने लगे। काम करने पर 25 हजार रुपए मासिक तनख्वाह तो मिलती ही थी साथ ही ठगी गई रकम में इंसेंटिव भी अच्छा खासा मिलता था।
एक डॉलर की ठगी करने पर दो रुपए इंसेंटिव दिया जाता था। यानी ठगी में जो जितना दक्ष, उतनी ही अच्छी कमाई। ऐसे में यह सैलरी के अलावा इनकी कमाई 50 हजार रुपए से डेढ़ लाख रुपए मासिक तक हो जाती थी।
यह है मामला
साइबर सेल जयपुर के इनपुट के आधार पर 7 अक्टूबर को अजमेर जिले के पुष्कर में पुलिस की टीमों ने अलग-अलग दो रिसॉर्ट में दबिश देकर फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया था। यहीं बैठकर युवा विदेशी लोगों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम देते थे।
एक जगह अमेजन प्रतिनिधि बनकर अमेरिका तो दूसरी जगह इनकम टैक्स अधिकारी बनकर ऑस्ट्रेलिया में लोगों के साथ ठगी की जाती थी। यह कार्रवाई अजमेर ग्रामीण के सहायक पुलिस अधीक्षक IPS सुमित मेहरड़ा के नेतृत्व में की गई। पिछले 3 महीने से यह खेल चल रहा था। सभी के नाम से अलग-अलग कमरे बुक थे। आरोपियों कि आइडेंटिटी सही थी, इसलिए रिसॉर्ट संचालकों को भी किसी तरह का शक नहीं था।
ऐसे करते थे ठगी
IPS मेहरड़ा ने बताया कि आरोपी विदेशों से डेटा की खरीद करते थे और फिर ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका के लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देते थे।
ऑस्ट्रेलिया के लिए तरीका : खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताकर कॉल या मैसेज भेज कहते थे कि आपकी चार-पांच साल की ऑडिट की गई। इसमें कुछ कमियां पाई गई हैं। अगर आप यह राशि जमा नहीं कराते हैं तो आप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद व्यक्ति पैसे इनके खाते में जमा करा देता था। इस दौरान कॉल करने वाले युवक उसे विश्वास दिला देते थे कि वह इनकम टैक्स विभाग से ही बोल बोल रहे हैं।
अमेरिका के लिए तरीका : अमेरिका के लिए कॉल सेंटर के युवक खुद को अमेजन कंपनी के प्रतिनिधि बताते थे। कहते थे कि आपने यह सामान खरीदा है। जब वे मना करते तो कहते कि हमारा सिस्टम तो दिखा रहा है। इस दौरान बातों के जरिए उसे विश्वास में लेते और उसको अमेजन एकाउंट हैक होने की बात कह एनी डेस्क मोबाइल व लैपटॉप में डलवाकर आईपी एड्रेस ले लेते। इसके बाद हैकिंग का डर दिखाकर मुसीबत से छुटकारा के नाम पर उन्हें अमेजन का कूपन खरीदने के लिए कहते। कूपन खरीदने के बाद उसके यूनिक नंबर ले लेते और बाद में उसकी राशि जो डॉलर्स में होती उसे अपने खातों में ट्रांसफर करवाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे।