राष्ट्रपति जिनपिंग बोले- शांति के साथ ताइवान को चीन में शामिल करेंगे
बीजिंग। ताइवान को एक दिन पहले हमले की धमकी देने वाले चीन के सुर बदले नजर आ रहे हैं। हालांकि ड्रैगन की नजर अभी भी टेढ़ी ही बनी हुई है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को कहा कि वह शांतिपूर्ण तरीके से ताइवान को चीन में शामिल करेंगे। इससे पहले चीन ने हमले की धमकी थी।
बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में अंतिम शाही राजवंश की समाप्ति (1911) के लिए हुई क्रांति की साल गिरह पर जिनिपंग ने कहा- चीन किसी भी कीमत पर अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ताइवान को शांतिपूर्ण तरीके से चीन में मिलाना दोनों देशों के विकास के लिए जरूरी है।
जिनपिंग ने कहा, ‘किसी को भी चीन की संप्रभुता और अखंडता के प्रति समर्पण और क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए। देश के ऐतिहासिक एकीकरण का काम जरूर पूरा होगा।’
जिनपिंग के बयान पर क्या कहता है ताइवान
चीनी राष्ट्रपति के बयान पर ताइवान ने जवाब दिया है। ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि वे एक स्वतंत्र देश है। ताइवान चीन गणराज्य का हिस्सा नहीं था उन्होंने ‘एक देश, दो प्रणाली’ के चीन के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। साथ ही कहा कि देश का भविष्य ताइवान के लोगों के हाथों में है।
एक महीने में PLA ने 60 बार बॉर्डर क्रॉस की
चीन ने 1 अक्टूबर को अपने राष्ट्रीय दिवस पर 38 फाइटर जेट से शौर्य प्रदर्शन किया। ये जेट उड़ते-उड़ते ताइवान की सीमा में दाखिल हो गए। ताइवान की डिफेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक चीन ने 18 जे-16, 4 सुखोई-30 विमान और 2 परमाणु बम गिराने में सक्षम एच-6 बॉम्बर भेजे थे। इसके जवाब में ताइवान की एयरफोर्स ने भी अपने फाइटर जेट्स उड़ाए। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पिछले एक महीने में ताइवान की हवाई सीमा में 60 बार घुसपैठ कर चुका है।
ताइवान क्या कर रहा, जिससे चीन नाराज है?
चीन में गृहयुद्ध खत्म होने के बाद ताइवान अलग होकर 7 दशक से अधिक समय से स्वशासित राज्य है। भले ही चीन ने 2.4 करोड़ आबादी वाले ताइवान पर कभी शासन नहीं किया, लेकिन वह इसे अपना अविभाजित हिस्सा मानता है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग कह चुके हैं कि जरूरत पड़ी तो ताइवान पर कब्जा करने के लिए सैन्य प्रयोग से नहीं हिचकेंगे।
हाल ही में ताइवान ने ट्रांस-पैसिफिक मुक्त-व्यापार समझौते (CPTPP) में शामिल होने के लिए आवेदन दिया है। चीन इस कदम के खिलाफ है। 23 सितंबर को वह विरोध जता चुका है। बौखलाहट में वह अब ताइवान में लड़ाकू विमान भेज रहा है।
क्या चीन सैन्य बढ़त लेने में लगा हुआ है?
ऐसा संभव है, क्योंकि यदि बीजिंग, ताइपे के खिलाफ पूर्ण सैन्य कार्रवाई के लिए जाता है, तो उसे विस्तृत खुफिया जानकारी चाहिए। उसे पता करना होगा कि ताइवानी सेना कैसे जवाब देगी। इसीलिए ताइवान के रक्षा क्षेत्र में विमान भेजकर PLA मैपिंग कर रही है। यह एक तरह से कार्रवाई का पूर्व अभ्यास है।
ताइवान सैन्य ताकत में कहां मौजूद है?
ताइवान के पास चीन से मुकाबले के लिए लड़ाकू विमान नहीं है। उसका स्क्वाड्रन भी 30 साल पुराना है। अगर ताइवान, चीन के उकसावे में आकर उसकी उड़ानों की बराबरी करेगा तो गंभीर संकट में फंस जाएगा और उसकी कमजोरी सामने आ जाएगी।
चीन इस घुसपैठ से किसे संदेश दे रहा है?
हाल में ताइवान से चीन जब भी खफा हुआ, उसने विमानों से घुसपैठ की। 24 अप्रैल को अमेरिकी विदेश मंत्री ने ताइवान की रक्षा की प्रतिबद्धता जताते हुए चीन को चेतावनी दी, तो अगले ही दिन चीनी विमानों ने घुसपैठ की थी। जून में जी-7 नेताओं ने चीन को घेरते हुए ताइवान को अहम बताया। उसके बाद PLA के 28 विमान ताइवानी सीमा में उड़े थे। पिछले महीने अमेरिका, जापान, UK, न्यूजीलैंड और नीदरलैंड्स ने ओकिनावा के पास नौसैन्य अभ्यास किया था। तभी से चीन चिढ़ा हुआ है। वह घुसपैठ के बहाने ताइवान और उसके हितैषी देशों को ऐसे ही धमकाता है।