शिवराज के बेटे से बोले दिग्विजय-अपने पिता से सीखो
भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान के एक भाषण के वीडियो को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उन्हें अपने पिता से सीखने की नसीहत दी है। उन्होंने कार्तिकेय से कहा कि कुछ भी भाषण न दें। अपने पिता शिवराज सिंह चौहान से सीखो।
दिग्विजय की नसीहत पर जवाब देते हुए कार्तिकेय ने कहा कि सीखना तो हम आपसे भी चाहते थे। लेकिन आपने दस साल में ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे हम सीख सके।
दरअसल, बुधनी विधानसभा उपचुनाव के लिए एक सभा को संबोधित करते हुए कार्तिकेय सिंह चौहान का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वे कह रहे हैं कि अगर गलती से भी यहां उन्नीस-बीस होता है, कांग्रेस का विधायक आ जाता है तो एक ईंट भी किसी गांव में नहीं लगने वाली है।
कांग्रेस ने कार्तिकेय सिंह के भाषण के वीडियो को लेकर कहा है कि ‘डर और धमकी भरे शब्दों में पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र कार्तिकेय सिंह जनता से वोट मांग रहे हैं।
वीडियो में यह कहते नजर आ रहे हैं कार्तिकेय सिंह चौहान
कार्तिकेय सिंह चौहान का एक सभा में भाषण देते वीडियो सामने आया है। जिसमें वे कह रहे हैं – उन्नीसा-बीसा होता है, तो आप समझिए किसका नुकसान होगा। अपने पैरों पर हम क्यों कुल्हाड़ी मारे भाई। अपनी पोलिंग में गड़बड़ी करते हम क्यों अपनी इज्जत खराब करे। क्या हमको नहीं जाना हमारे मुख्यमंत्री के पास काम कराने के लिए। क्या हमको नहीं जाना आरदणीय कृषि मंत्री जी के पास काम कराने के लिए। बताइए सरपंच जी। कैसे कराएंगे आप काम। जवाब दीजिए मुझे।
दिग्विजय बोले- इस प्रकार का भाषण ना दो, पिता से सीखो
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कार्तिकेय चौहान का ये वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। इसके साथ ही उन्होंने लिखा – कार्तिकेय अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो। अपने पिता शिवराज सिंह चौहान जी से सीखो। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं। 10 साल तक मैं मुख्यमंत्री रहा, लेकिन मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया। आपके पिता गवाह हैं।
कार्तिकेय बोले, मुझे इतनी नजदीकी से देखते हैं, इसके लिए धन्यवाद
कार्तिकेय सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह की नसीहत के बाद उन्हें जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैं सम्मानीय मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का सम्मान करता हूं। मेरे लिए तो ये बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि आदरणीय चाचा साहब मुझे और मेरे बयानों को इतनी नजदीकी से देखते हैं। इसके लिए उनका आभार।