बिहार की नकल गैंग:4 युवक राजस्थान में डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने पहुंचे,
अलवर। REET में अलवर और भरतपुर में बिहार के ग्रेजुएट युवाओं ने डमी कैंडिडेट बन कर परीक्षा दी है। इसका अलवर की राजगढ़ पुलिस ने खुलासा किया है। अलवर में पकड़े गए चार युवकों में से एक भरतपुर के बयाना, दूसरा अलवर के लक्ष्मणगढ़ और तीसरे राजगढ़ में परीक्षा देने पहुंचा था। चौथा इनका मुखिया है। ये परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों से 8-8 लाख रुपए में सौदा करते थे, जो पास होने के बाद देने होते हैं। उससे पहले अभ्यर्थियों से खाली चेक, मूल दस्तावेज और स्टाम्प लेते थे। अलवर में एक डमी कैंडिडेट का फोटो नहीं मिलने इस गिरोह का खुलासा हुआ है। पुलिस इनके गिरोह के दूसरे लोगों को नहीं पकड़ सकी है।
रामावतार गुर्जर की जगह राहुल ने दी परीक्षा
पुलिस थाना प्रभारी विनोद सामरिया ने बताया कि बयाना के रुदावल में ब्रह्माबाद के स्कूल में राहुल कुमार ने रामवतार गुर्जर की जगह परीक्षा दी है। राहुल दीहरा लक्खीसराय, बिहार का रहने वाला है। वहीं, रवि कुमार ने हेमंत के नाम से अलवर के लक्ष्मणगढ़ में पौद्दार स्कूल में डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी। रवि माटिहानी, मोहनपुरा गया, बिहार का रहने वाला है।
इसी तरह अलवर के राजगढ़ में त्रिमूर्ति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नीरज कुमार ने वीरपाल की जगह परीक्षा देने की कोशिश की। पुलिस को शक होने पर नीरज डमी कैंडिडेट बन परीक्षा नहीं दे सका। इसके बाद पुलिस जांच कर इस पूरे गिरोह तक पहुंची है। नीरज कुमार दीप नगर नालंदा, बिहार का रहने वाला है।
ये रवि बिहार का निवासी है। डमी कैंडिडेट बन लक्ष्मणगढ़ में परीक्षा दी।
ये रवि बिहार का निवासी है। डमी कैंडिडेट बन लक्ष्मणगढ़ में परीक्षा दी।
ऐसे पकड़े गए
अलवर के राजगढ़ में त्रिमूर्ति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में डमी नीरज कुमार ने वीरपाल की जगह परीक्षा देने की कोशिश की। पुलिस को डमी नीरज का परमिशन लेटर में लगे फोटो से चेहरा नहीं मिल रहा था। उसे वापस परमिशन लेटर लाने के लिए बोला गया। डमी नीरज परीक्षा नहीं दे पाया तो असली अभ्यर्थी वीरपाल परीक्षा देने पहुंच गया। दो अलग लोगों को देखकर पुलिस को शक हो गया। पुलिस सादी वर्दी में वीरपाल का पीछा करती रही।
29 सितंबर को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि अभ्यर्थी वीरपाल सिंह सिकंदरा में मुख्य रोड पर एक दूसरे व्यक्ति से मिलने गया है। उसकी कार का नंबर भी बता दिया। इसके बाद पुलिस सिकंदरा पहुंची। वहां कांस्टेबल ने देखा कि कुछ देर बाद एक कार आई। उसमें बैठा व्यक्ति वीरपाल से बातचीत करने लगा। उनकी बातचीत सुनने के लिए सादा वर्दी में मौजूद कांस्टेबल अजीत को भेजा। तब पता चल गया कि वे रीट परीक्षा में लेन-देन की बातें कर रहे हैं। वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मी पहुंचा तो युवक ने कार लेकर भागने की कोशिश की, लेकिन कार स्टार्ट करने से पहले ही उसे पकड़ लिया गया। उसके बाद पूरे गिरोह तक पुलिस पहुंची। अब ये 6 लोग जेल में हैं। उनके कब्जे से 8 मोबाइल, दो टेबलेट, चेक और मार्कशीट मिली थी।
राज इस गिरोह का मुखिया
पुलिस ने बताया कि बिहार का रहने वाला राज उर्फ बंटी निवासी गोटिया नालंदा इस गिरोह का मुखिया है। जो बिचोलिए ढूंढ़कर 8 लाख रुपए में अभ्यर्थी से सौदा करता है। डमी कैंडिडेट बन परीक्षा दिलाता है। पास होने पर रकम देना तय होता था। उससे पहले अभ्यर्थी का चेक, मूल दस्तावेज और स्टाम्प ले लिया करते थे। जयपुर निवासी रामफूल गुर्जर इनका बिचौलिया रहा है, जिसने अभ्यर्थी वीरपाल को इस गिरेाह के मुखिया राज से मिलवाया था। वीरपाल भरतपुर के बयाना का रहने वाला है।
ये 6 गिरफ्तार
रामफूल गुर्जर, पुत्र मंगलराम गुर्जर, निवासी मारवाड़ा कच्ची बस्ती, जयपुर
वीरपाल सिंह पुत्र भग्गी सिंह, निवासी बयाना, भरतपुर
राज उर्फ बंटी पुत्र कौशेंद्र निवासी गोटिया नालंदा, बिहार,
नीरज कुमार पुत्र विजेंद्र निवासी लंगडिया विगाहा दीप नगर नालंदा, बिहार
राहुल कुमार पुत्र भोला प्रसादी निवासी दीहरा लक्खीसराय, बिहार
रवि कुमार पुत्र युगल प्रसाद निवासी माटिहानी, मोहनपुरा गया, बिहार