राजस्थान पर अंत में मेहरबान हुआ मानसून
बीकानेर।मानसून खत्म होने जा रहा है। बारिश का अंतिम दौर राजस्थान के पश्चिमी रेगिस्तानी हिस्सों को तरबतर कर रहा है। राजस्थान के जिन 11 जिलों में पानी सबसे कम गिरा था, उन्हीं जिलों में अंतिम दौर के मानसून ने हिसाब न सिर्फ बराबर कर दिया, बल्कि औसत में तो पूर्वी राजस्थान से भी ज्यादा बरस गए।
इस बार मानसून ने एकदम उलट हालात पैदा किए, जहां कम बारिश वाले जैसलमेर में उम्मीद से ज्यादा बरस गए। वहीं पाली, जालोर और बाड़मेर में उम्मीद से भी कम पानी गिरा। एक महीने पहले लग रहा था कि पश्चिमी राजस्थान के 11 जिलों में सामान्य से भी कम बारिश होगी, लेकिन आज औसत से 20 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। जबकि पूर्वी राजस्थान में औसत से 16 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है।
बीकानेर के पास हुसंगसर गांव में बारिश के सहारे खड़ी हो रही फसल।
बीकानेर के पास हुसंगसर गांव में बारिश के सहारे खड़ी हो रही फसल।
मानसून का ये ट्रेंड अलग रहा
पश्चिमी राजस्थान में आमतौर पर जैसलमेर में सबसे कम बारिश होती है। श्रीगंगानगर में हरियाली होने के कारण अच्छी बारिश की उम्मीद की जाती है। इस विचार के विपरीत इस बार जैसलमेर में मानसून ने सबसे पहले राहत बरसाई। पश्चिमी राजस्थान में अगर कहीं औसत से ज्यादा बारिश हुई तो उसमें जैसलमेर सबसे आगे रहा। यहां 69 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। आमतौर पर यहां 162.1 MM बारिश होती है, लेकिन इस बार यहां 273.5 MM बारिश हुई है। वहीं, श्रीगंगानगर में हरियाली के कारण ज्यादा बारिश की उम्मीद की जाती है। यहां 201.8 MM बारिश औसतन होती है, लेकिन इस बार 143 MM बारिश ही हुई। जो औसत से 29 प्रतिशत कम है। औसत बारिश में श्रीगंगानगर सबसे पीछे रहा।
यहां कम हुई बारिश
पश्चिमी राजस्थान के 11 में से तीन जिलों में ही औसत से कम बारिश हुई है। इसमें श्रीगंगानगर के अलावा बाडमेर में 2 प्रतिशत कम बारिश हुई। यहां औसतन 247.9 MM बारिश होती है, लेकिन इस बार ये आंकड़ा 242.7 MM रहा। इसके अलावा पाली और जालोर में 12 प्रतिशत बारिश कम हुई है।
पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में कितनी बारिश
पूर्वी राजस्थान में औसत बारिश का आंकड़ा पश्चिमी राजस्थान से काफी अधिक है। 30 सितंबर तक पूरे राजस्थान में 414.5 MM बारिश होती रही है, लेकिन इस बार ये आंकड़ा 485.3 तक पहुंच गया है। ये औसत से 17 प्रतिशत ज्यादा है। पूर्वी राजस्थान के 23 जिलों में औसत 602.2 MM बाारिश होती है। जो इस बार 696.7 MM हो चुकी है। ये औसत से सोलह प्रतिशत ज्यादा है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान के 11 जिलों में औसत बारिश 265.3 MM है। जो इस बार 317.5 MM हो गई। ये औसत में 20 प्रतिशत ज्यादा है।
बुवाई का लक्ष्य नहीं हुआ पूरा
इस मानसून में पश्चिमी राजस्थान में बरसात का आंकड़ा तो पूरा हो गया लेकिन किसान को ज्यादा लाभ नहीं मिला। दरअसल, जिस समय बुवाई का वक्त था तब बारिश पश्चिमी के बजाय पूर्वी राजस्थान में हो रही थी। ऐसे में पश्चिमी राजस्थान में बुवाई का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। खासकर बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, जोधपुर में बुवाई का लक्ष्य उम्मीद के मुताबिक पूरा नहीं हो सका।