ग्वालियर में हाहाकार, 1 बेड पर 4 बच्चे, VIDEO:कमलाराजा अस्पताल में 36 बेड पर डेंगू, वायरल, दिमागी बुखार से पीड़ित 85 बच्चे भर्ती; 2 ने दम तोड़ा, 12 गंभीर
ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल अंचल के सबसे बड़े अस्पताल में बीते 24 घंटे में दो बच्चों की मौत दिमागी बुखार से हुई है। डेंगू, वायरल के बाद अब दिमागी बुखार तेजी से बच्चों में फैल रहा है। अब यह दिमागी बुखार (पायजैनिक मेनिंजाटिस) धीरे-धीरे जानलेवा होता जा रहा है। हालत यह है कि एक बेड पर तीन से चार बच्चों को भर्ती किया गया है। 36 बेड पर 85 बच्चे भर्ती हैं। ज्यादातर वायरल, डेंगू, दिमाग बुखार से पीड़ित हैं। इनमें से 12 बच्चों की स्थिति ज्यादा गंभीर है।
जयारोग्य समूह के जयारोग्य (JAH) और कमलाराजा हॉस्पिटल (KRH) के डॉक्टर लगातार बच्चों के इलाज में लगे हैं, लेकिन स्थिति बेकाबू होती जा रही है। एक दिन पहले कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने भी KRH का निरीक्षण किया था। इसमें एक बेड पर तीन-तीन बच्चे कहीं तो चार बच्चे भी भर्ती देख नाराजगी जाहिर की थी। बच्चों की दिमागी बुखार से मौत मामले में KRH से कोई भी डॉक्टर बोलने को तैयार नहीं हैं, पर इतना जरूर है कि JAH अधीक्षक बच्चों की मौत के जांच के आदेश दिए हैं।
अंचल के सबसे बड़े अस्पताल में इस तरह से भर्ती हैं बच्चे।
अंचल के सबसे बड़े अस्पताल में इस तरह से भर्ती हैं बच्चे।
ग्वालियर में डेंगू, वायरल के बाद अब दिमागी बुखार से भी पीड़ित बच्चे मिलने लगे हैं। सीधे शब्दों में कहें से अंचल के सबसे बड़े अस्पताल में लगातार दिमागी बुखार के मरीज बढ़ने लगे हैं। यह दिमागी बुखार अब जानलेवा भी होता जा रहा है। कुछ दिन पहले पिछोर से आए 5 साल के बच्चे अल्तमस को बचाने के लिए डॉक्टरों ने काफी प्रयास किए, लेकिन उसे बचा नहीं सके।
सोमवार दोपहर उसने दम तोड़ दिया था। उसे कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) व दिमागी बुखार (पायजैनिक मेनिंजाटिस) बीमारी थी, जिस कारण उसकी मौत हुई। एक अन्य बच्चे ने भी इसी दिमागी बुखार से दम तोड़ा है। KRH ने बच्चों की मौत की पुष्टि की है, लेकिन कोई भी डॉक्टर इसमें बोलने से बच रहा है। यह बच्चे हाल ही में भर्ती किए गए थे। जब JAH के अधीक्षक आरकेएस धाकड़ से बात करने का प्रयास किया तो उनका कहना था कि उनको इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं है। HOD डॉ. अजय गौड़ से बात करने की बात कही।
आसपास के 25 शहरों से आते हैं मरीज
JAH और KRH में MP, UP व राजस्थान के करीब 25 से ज्यादा शहरों से मरीज आते हैं। यही कारण है कि यहां व्यवस्थाएं लचर नजर आती हैं। सबसे ज्यादा मरीज उत्तर प्रदेश के झांसी, ललितपुर, इटावा, मैनपुरी, जालौन, औरेया आदि से आते हैं।
विधायक ने की सीधे चिकित्सा शिक्षा मंत्री से बात
एक ओर से शासन और प्रशासन कोरोना की तीसरी संभावित लहर से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर संसाधनों को बढ़ाने का दावा कर रहा है। यह तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक मानी जा रही है, लेकिन उससे पहले वायरल, डेंगू और दिमागी बुखार ने तैयारियों की पोल खोल दी है। एक दिन पहले कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक भी KRH पहुंचे थे। यहां उन्होंने एक बेड पर तीन-तीन मरीज और कहीं-कहीं 4 तक मरीज भर्ती देखकर फटकार लगाई थी। साथ ही सीधे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से फोन पर बात कर नाराजगी जताई है।