क्रूड ऑयल पर मोदी सरकार की मुश्किल

क्रूड ऑयल पर मोदी सरकार की मुश्किल:सस्ते में कच्चा तेल देना चाहता है रूस, US ने कहा- ऐसा किया तो यूक्रेन हमले का समर्थक मानेंगे
वॉशिंगटन। रूस-यूक्रेन जंग का आज 21वां दिन है। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे रूस की इकोनॉमी पर असर पड़ना तय है। इससे निपटने के लिए रूस कई देशों को उनकी करंसी में सस्ता कच्चा तेल देने की पेशकश कर रहा है। इनमें भारत भी शामिल है। हालांकि, अमेरिका चाहता है कि भारत किसी भी कीमत पर रूस का ऑफर कबूल न करे। व्हाइट हाउस का कहना है कि अगर भारत अब रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदता है तो यह डेमोक्रेसी के लिहाज से बेहद गलत कदम होगा और यह माना जाएगा कि भारत इस मामले में रूस का समर्थन कर रहा है।

कच्चा तेल खरीदकर रूस का समर्थन करेगा भारत
रूस ने भारत को सस्ते में कच्चा तेल देने की पेशकश की है। इस बारे में पूछे जाने पर व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा- ये प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं है, लेकिन ऐसा कदम उठाने से पहले भारत ये जरूर सोचे कि वो किसके समर्थन कर रहा है? जब इतिहास लिखा जाएगा तब रूस का समर्थन हकीकत में यूक्रेन पर रूस के हमले का समर्थन ही माना जाएगा। इस जंग को लेकर अमेरिका का संदेश साफ है कि सभी को रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का पालन करना है।
भारत का फैसला युद्ध को लेकर उसका रुख बताएगा
इससे पहले अमेरिकी सांसद एमी बेरा ने कहा- अगर भारत सस्ते दामों पर रूसी तेल खरीदने का फैसला करता है तो इसे व्लादिमीर पुतिन का समर्थन माना जाएगा। जबकि पूरी दुनिया इस वक्त यूक्रेन के साथ और रूस के खिलाफ एकजुट है। बेरा ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और QUAD (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच स्ट्रैटेजिक संगठन) लीडर के तौर पर भारत की जिम्मेदारी है कि उसका फैसला किसी भी तरह हमले का समर्थन न करे।

भारत के साथ कारोबार बढ़ाना चाहता है रूस
कई देशों में लगे प्रतिबंध के बीच रूस अब भारत के साथ कारोबार बढ़ाना चाहता है। इसके तहत 11 मार्च को रूस के उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी से बात की और भारत को तेल-गैस सेक्टर में इन्वेस्टमेंट बढ़ाने का ऑफर भी दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत को रूस से 25% कम कीमत पर तेल खरीदने का ऑफर मिला है। इस डील के तहत भारत रूस से 35 लाख बैरल क्रूड ऑयल खरीद सकता है। हालांकि भारत ने अब तक इस डील पर आखिरी फैसला नहीं किया है। शायद यही वजह है कि अमेरिका डील के पहले ही भारत पर दबाव बनाना चाहता है। यही भारत सरकार की मुश्किल है।
इंडियन ऑयल ने खरीदा 30 लाख बैरल रूसी कच्चा तेल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने हाल ही में 30 लाख बैरल कच्चा तेल रूस से खरीदा है।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल इम्पोर्टर है। साथ ही यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा नहीं करने वाले कुछ देशों में भी शामिल है। उसने UN में हुई वोटिंग में भी हिस्सा नहीं लिया था। भारत अपने तेल का 85% इम्पोर्ट करता है। इसमें से सिर्फ 2-3% ही रूस से खरीदा जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिन्नू रानी बोली-बंगला कितनो बड़ौ है, दिग्गी ने कहा-सरकारी है     |     बीकॉम की छात्रा से रेप:मंगेतर ने शादी से इनकार किया, पीड़िता थाने पहुंची     |     इंदौर में नाबालिग बेटी दे पाएगी पिता को लिवर     |     अलका याग्निक को न्यूरो डिसीज, सुनाई देना बंद हुआ     |     मणिपुर में उपद्रवियों ने CRPF की बस में आग लगाई     |     हिंदुजा फैमिली पर घरेलू स्टाफ से क्रूरता के आरोप     |     गंभीर ने टीम इंडिया के कोच का इंटरव्यू दिया     |     ज्येष्ठ पूर्णिमा को सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने की है परंपरा     |     18 JUNE 2024     |     शादी की रात दूल्हे ने सुनी दुल्हन की साजिश     |     घर में खेलते समय विस्फोट, 4 बच्चे झुलसे     |     मां-बेटी की हत्या:धारदार हथियार से मारा     |     भाजपा की मंशा सिर्फ कांग्रेस को बदनाम करने की     |     फिल्म ‘छोरी 2’ की एक्ट्रेस का खुलासा     |     PM मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की     |     महाराष्ट्र का चंद्रपुर सबसे गर्म, तापमान 44.6 डिग्री     |     ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस नहीं रहे:88 साल की उम्र में निधन     |     IPL में KKR vs GT:सुदर्शन फिफ्टी लगाकर आउट     |     घर के आंगन में तुलसी लगाने की परंपरा     |