युद्ध के बीच यूक्रेन से शिफ्ट होगी इंडियन एम्बेसी
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन जंग के बीच भारत सरकार ने यूक्रेन में मौजूद इंडियन एम्बेसी को अस्थाई रूप से पोलैंड में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में बिगड़ते हालात को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इससे पहले, 1 मार्च को एम्बेसी को कीव से हटाकर लीव में शिफ्ट किया गया था। अभी तक दूतावास यहीं से काम कर रहा था।
मोदी ने की हाई लेवल मीटिंग
इससे पहले रविवार को यूक्रेन-रूस जंग के हालात देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने हाई लेवल मीटिंग की थी। इसमें भारत की सुरक्षा तैयारियों को लेकर समीक्षा की गई। साथ ही मौजूदा ग्लोबल सिनेरयो पर भी चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए कि खार्किव में मारे गए भारतीय नवीन शेखरप्पा की शव को लाने के लिए सभी कोशिशें की जाएं।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने डिफेंस मशीनरी में यूज हो रहे नई तकनीक के बारे में जानकारी ली। पीएम ने इस दौरान पूछा कि किन-किन मशीनरी में विदेशी सामान का उपयोग हो रहा है? वहीं बैठक में पीएम ने निर्देश दिया कि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से सभी उपकरणों को जोड़ा जाए और कोशिश की जाए कि मैक्सिमम टेक्नोलॉजी मेक इन इंडिया की हो।
मीटिंग के दौरान PM ने ऑपरेशन गंगा की भी समीक्षा की। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस.जयशंकर, NSA अजीत डोभाल सहित विदेश और वित्त मंत्री के कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे। हाई लेवल मीटिंग में तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल हुए।
17,000 से ज्यादा लोगों को लाया गया भारत
ऑपरेशन गंगा के दौरान भारत ने यूक्रेन से अब तक 17,000 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया है। साथ ही नेपाल और बांग्लादेश के भी कुछ लोगों का रेस्क्यू कर यूक्रेन से लाया। सरकार ने ऑपरेशन गंगा को सफल बनाने के लिए अपने चार मंत्रियों को यूक्रेन की सीमा से सटे देशों में भेजा था।