भोपाल में भीड़ इकट्ठा होने के इनपुट ने चौंकाया, कैंसिल की परमिशन
भोपाल। पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर 13 मार्च को भोपाल के कलियासोत ग्राउंड पर होने वाले कर्मचारियों के आंदोलन में भीड़ इकट्ठा होने की खुफिया रिपोर्ट ने पुलिस अफसरों को चौंका दिया। ताबड़तोड़ कुछ घंटों में ही परमिशन कैंसिल कर दी गई। भले ही यह परमिशन निरस्त कर दी गई हो, लेकिन दूसरे आंदोलन में हजारों कर्मचारी जुट सकते हैं। इससे पुलिस की नींद उड़ गई है। रविवार को कोर्ट के पास दो कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन बहाली को लेकर बड़ा आंदोलन करेंगे। माना जा रहा है कि इस आंदोलन में एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारी संगठन जुट सकते हैं।
मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा और राष्ट्रीय पेंशन योजना बहाली संगठन मप्र के बैनर तले रविवार को भोपाल के कलियासोत ग्राउंड पर बड़ा धरना आंदोलन होना था। इसे लेकर कर्मचारी संगठन पिछले एक महीने से तैयारियां कर रहे थे। आंदोलन के संबंध में पुलिस से अनुमति भी ली गई। जिसे पुलिस ने निरस्त कर दिया है।
अनुमति निरस्त करने के पीछे पुलिस ने कर्मचारियों की संख्या को बड़ा आधार बताया है। मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह को लिखे पत्र में पुलिस ने कहा है कि अनुमति 5 हजार कर्मचारियों की मांगी गई थी, लेकिन इसमें 20 से 25 हजार कर्मचारी प्रदेशभर से आएंगे। जिस जगह पर यह प्रदर्शन प्रस्तावित है, उसके स्वामी या विभाग से भी अनुमति नहीं ली गई है। भीड़ आने से सड़कों पर जाम लगने की संभावना है। इसलिए अनुमति निरस्त की जाती है। बावजूद प्रदर्शन होता है तो कार्रवाई की जाएगी।
कल जिला और ब्लॉक स्तर पर करेंगे
प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने बताया कि अनुमति निरस्त होने के बाद अब जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। मोर्चा समेत सभी संगठन के पदाधिकारियों को वहीं आंदोलन करने को कहा है। सांसद-विधायक और कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
प्रदेशभर में आक्रोश रैलियां भी निकाली जाएगी
परमिशन निरस्त होने के बाद राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संघ ने प्रदेश के सभी जिलों में 13 मार्च को आक्रोश रैली निकालने की बात कही है। प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने बताया कि आंदोलन में भारी भीड़ होने के डर और आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने हमारी परमिशन निरस्त कर दी है। सरकार के इस कदम से आक्रोश है, लेकिन हम पीछे नहीं हटने वाले हैं। 13 मार्च को प्रदेशभर में पेंशन आक्रोश रैली निकालेंगे। वहीं, सभी संगठन एक जगह बैठकर बड़े आंदोलन की रणनीति बनाएंगे।
कोर्ट के पास बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे
रविवार को कोर्ट के पास पुरानी पेंशन बहाली महासंघ और प्रगतिशील संयुक्त कर्मचारी कल्याण संघ के बैनरतले प्रदर्शन होगा। इसके जरिए सरकार से मांग की जाएगी कि वह पुरानी पेंशन को तुरंत बहाल कर दें। प्रांतीय संयुक्त सचिव जितेंद्र खरे ने बताया, प्रांताध्यक्ष सुरेश गगनमवार एवं बालमुकुंद द्विवेदी के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन को लेकर अनुमति है।
7 मार्च को हो चुका प्रदर्शन
पुलिस ने जिस ग्राउंड पर होने वाले प्रदर्शन की अनुमति निरस्त की है। वहां 7 मार्च को मध्यप्रदेश मजदूर संघ के बैनर तले बड़ा प्रदर्शन हो चुका है।
इसलिए था आंदोलन
पुरानी पेंशन बहाली संघ के प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने बताया कि सरकार ने 1 जनवरी 2005 से प्रदेश में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद कर नई पेंशन योजना लागू की थी। इसके तहत कर्मचारियों के रिटायरमेंट पर प्रतिमाह मात्र 800 से 1 हजार रुपए तक ही पेंशन प्राप्त हो रही है। जिससे बुढ़ापे में कर्मचारियों की आजीविका चलाना मुश्किल हो गया है, इसलिए प्रदर्शन करने वाले थे।
कांग्रेस समर्थन में उतरी
कर्मचारियों के समर्थन में कांग्रेस मैदान में उतर गई है। इसे लेकर कांग्रेस ने ट्विट भी किया है। जिसमें आंदोलन की परमिशन निरस्त करने को गलत बताया है।