रूस-यूक्रेन तनाव:अमेरिका ने कहा- पुतिन की जिद से अब जंग का खतरा
मॉस्को/कीव/वॉशिंगटन। रूस ने यूक्रेन पर फिलहाल हमला तो नहीं किया है, लेकिन उसके दो प्रांतों (लुहांस्क-डोनेट्स्क) को अलग देश का दर्जा देने का ऐलान कर दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने इन दोनों राज्यों में अमन कायम रखने के लिए फौज भी भेज दी है। अमेरिका भी रूस से दो-दो हाथ करने की तैयारी कर रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक- अमेरिका ने रूस की इस हरकत को इंटरनेशनल लॉ के खिलाफ चैलेंज बताया। अमेरिका ने कहा- अब जंग का खतरा पैदा हो गया है।
ब्रिटेन भी अमेरिका की तरह ही सख्त नजर आया। उसने कहा- पुतिन को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम उनकी कंपनियों और व्यक्तियों पर पाबंदियां लगाएंगे। इस बयान के चंद मिनट बाद ब्रिटेन ने रूस के पांच बैंकों पर पाबंदिया लगा दीं। इस बारे में ज्यादा जानकारी अभी सामने नहीं आई है। वहीं, पुतिन ने कहा है कि पश्चिमी देशों की हरकतों ने उन्हें यूक्रेन को दो हिस्सों में बांटने पर मजबूर कर दिया है। इधर, जर्मनी ने भी ऐलान कर दिया है कि वो नॉर्ड स्ट्रीम नैचुरल गैस प्रोजेक्ट फेस 2 को फिलहाल बंद कर रहा है।
हम डरते नहीं- यूक्रेन पीएम
रूस के भड़काऊ फैसले पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने कहा- हम रूस के कदम से डरते नहीं हैं। हमने किसी से न तो कुछ लिया है और न ही किसी को कुछ देंगे। खतरों के बावजूद हमारी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं वैसे ही रहेंगीं, जैसे पहले थीं। यूक्रेन के दो प्रांतों को स्वतंत्र घोषित करने वाले पुतिन के कदम के बाद UN सिक्योरिटी काउंसिल ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई।
जर्मनी का ऐलान- नॉर्ड स्ट्रीम पाइप लाइन प्रोजेक्ट बंद करेंगे
यूक्रेन और रूस के बीच विवाद में जर्मनी का रुख बहुत साफ नहीं था। इसको लेकर अमेरिका और नाटो जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की नई सरकार से कुछ नाराज भी थे। हालांकि, अब जर्मनी ने भी मॉस्को के फैसले का विरोध करते हुए नैचुरल गैस पाइप लाइन प्रोजेक्ट ‘नॉर्ड स्ट्रीम 2’ को बंद करने का ऐलान किया है।
यह रूस और व्लादिमिर पुतिन के बहुत बड़ा झटका साबित हो सकता है। दरअसल, इस लाइन के दूसरे फेज के पूरा हो जाने के बाद रूस को हर साल करोड़ों डॉलर की कमाई होनी थी, लेकिन अब मामला अटक गया है। यूरोप और अमेरिका ने पहले ही साफ कर दिया था कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइप लाइन 2 प्रोजेक्ट पर रूस को ब्लैकमेलिंग नहीं करने देंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था- कुछ मसलों का विकल्प खोजा जाना है। उनमें से यह भी एक है।
अपडेट्स-
भारत ने यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए दोबारा एडवाइजरी जारी की। भारत ने 24 घंटे में दूसरी बार अपने छात्रों से यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है। इंडियन एम्बेसी ने कहा- स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी की मंजूरी का इंतजार किए बिना यूक्रेन छोड़ दें।
यूरोपीय यूनियन यानी EU ने रूस पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। ब्रिटेन के विदेश सचिव जोसेप बोरेल ने कहा- रूस के कदम से यूरोपीय संघ नाराज है।
पुतिन के लुहांस्क-डोनेट्स्क (डोनबॉस इलाके) को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देने के बाद UNSC ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। यूएन ने रूस से बात करने और सैना को वापस बुलाने की बात कही है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों को स्वतंत्र के रूप में मान्यता देने का रूस का फैसला यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है और यूनाइटेड नेशन चार्टर के सिद्धांतों के खिलाफ है।
अमेरिका ने कहा- रूस का यह कदम यूक्रेन में घुसपैठ का बहाना है। हम और हमारे साथी इस बात को लेकर सहमत हैं कि अगर रूस ज्यादा घुसपैठ करता है तो उसे जल्द और माकूल जवाब देना चाहिए। यह वो वक्त है, जब कोई किनारे खड़ा नहीं रह सकता।
एअर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट यूक्रेन रवाना
भारत ने अपने नागरिकों को बाहर निकालने की कवायद तेज कर दी है। एअर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट मंगलवार सुबह यूक्रेन के लिए रवाना हुई। यह फ्लाइट आज रात तक दिल्ली लौट आएगी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस.तिरुमूर्ति ने कहा- 20,000 से ज्यादा भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों और बॉर्डर क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है। पढ़ें पूरी खबर…
रूस के कदम पर भड़की दुनिया
लुहांस्क-डोनेट्स्क को आजाद घोषित करने के पुतिन के फैसले की दुनिया में निंदा की जा रही है। NATO चीफ ने इसे अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन बताया है। वहीं, अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने चेतावनी दी है कि उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। UNSC में यूक्रेन के डिप्लोमैट सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा- हम इस मसले के राजनीतिक और डिप्लोमैटिक समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हम उकसावे के आगे नहीं झुकेंगे। पढ़ें पूरी खबर…
अमेरिका ने लुहांस्क और डोनेट्स्क क्षेत्र पर लगाया बैन
इस बीच, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी नागरिकों को लुहांस्क और डोनेट्स्क क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट से रोकने वाले आदेश पर साइन कर दिया है। अमेरिका के अलावा EU और ब्रिटेन ने भी रूस पर पाबंदियां लगाने की बात कही है। इसके अलावा बाइडेन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बात की। अमेरिका ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है।