जो बाइडेन ने कहा- पुतिन साफ बोलें कि वो यूक्रेन पर हमला नहीं करेंगे

जो बाइडेन ने कहा- पुतिन साफ बोलें कि वो यूक्रेन पर हमला नहीं करेंगे
वॉशिंगटन। यूक्रेन पर रूसी हमले का खतरा बढ़ता जा रहा है। अमेरिका और नाटो अलर्ट पर हैं और इसके साफ संकेत मिलने भी लगे हैं। आज जो बाइडेन अमेरिका के सहयोगी देशों के राष्ट्र प्रमुखों से बातचीत करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस बातचीत में रूस से निपटने का फाइनल प्लान डिस्कस किया जा सकता है। तनाव कितनी तेजी से बढ़ रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन गुरुवार रात तमाम काम छोड़कर वॉशिंगटन से न्यूयॉर्क पहुंचे। यहां उन्होंने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में हिस्सा लिया। कहा- रूस के राष्ट्रपति हमें साफ-साफ बताएं और वादा करें कि वो यूक्रेन पर हमला नहीं करेंगे।
बाइडेन की आखिरी कोशिश
जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा- हमें लगता है कि जंग टालने के रास्ते अब भी बंद नहीं हुए हैं। डिप्लोमैटिक कोशिशें जारी हैं। इस बयान के फौरन बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर दी कि बाइडेन शुक्रवार को अमेरिका के तमाम सहयोगी देशों के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बातचीत करने वाले हैं। यह फैसला अहम है, क्योंकि इसके पहले अमेरिकी डिप्लोमैट्स ही सहयोगी देशों से संपर्क कर रहे थे। बाइडेन ने एक महीने में दो बार पुतिन से बात जरूर की थी। लेकिन, लगता है कि अब हालात संभालने का वक्त अमेरिका के हाथ से भी निकल रहा है।
तीन बातें जो याद रखनी चाहिए
यूक्रेन के मुद्दे पर रूस और अमेरिका के बीच डिप्लोमैटिक वॉर शुरू हो गया है। मॉस्को ने गुरुवार रात अमेरिका के नंबर दो डिप्लोमैट को देश छोड़कर जाने को कह दिया। अमेरिका अब तक शांत है, लेकिन इसका जवाब उसकी तरफ से भी जरूर आएगा।
रूस ने नई चाल चली है और अमेरिका इसे समझ रहा है। यूक्रेनी फौज की तैयारियों का अंदाजा लगाने के लिए रूस ने यूक्रेन के विद्रोहियों से वहां के कुछ इलाकों में हमले करना शुरू कर दिए हैं। गुरुवार को एक स्कूल और एक मिशनरी पर फायरिंग और शेलिंग हुई।
अमेरिका के अलावा ब्रिटेन और कनाडा के साइबर मिलिट्री एक्सपर्ट्स यूक्रेन में मौजूद हैं। रूस इनमें सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है। बहुत मुमकिन है कि रूस की इन हरकतों में चीन भी उसका साथ दे रहा है। दो दिन वहां विंटर ओलिंपिक्स खत्म हो रहे हैं।
कौन सच्चा और कौन झूठा
रूस ने शुक्रवार को एक बार फिर कहा कि क्रीमिया से उसकी फौज लौट रही है। टैंक्स को भी यहां से हटाकर बेस कैम्प्स में शिफ्ट किया जा रहा है। लेकिन, रूस की तमाम दलीलों को अमेरिका और नाटो अब तक नकारते आ रहे हैं। ब्रिटेन की तरफ से जारी बयान में कहा गया- हमारे पास इस बात के तमाम सबूत मौजूद हैं कि रूस वहां से सैनिक और हथियार हटा नहीं, बल्कि बढ़ा रहा है। लिहाजा, हम इन हरकतों से निपटने की तैयारी कर रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी गुरुवार को दो टूक कहा- रूस के राष्ट्रपति दुनिया के सामने आकर साफ वादा करें कि उनकी सेनाएं किसी भी सूरत में यूक्रेन पर हमला नहीं करेंगी। हमसे जो लिखित प्रस्ताव मांगा गया था, वो हम दे चुके हैं। इसके जवाब का इंतजार है।

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