कर्नाटक हिजाब विवाद:हाईकोर्ट में 8 में से एक याचिका खारिज
हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई 5वें दिन भी बेनतीजा रही। बेंच ने शुक्रवार को दोबारा सुनवाई का निर्देश दिया। जहां एटॉर्नी जनरल (AG) प्रभुलिंग नवदगी दलीलें देंगे। 5 छात्राओं के वकील एएम डार ने कोर्ट से मांग की कि सरकार के आदेश से उन लोगों पर असर पड़ेगा जो हिजाब पहनते हैं। यह असंवैधानिक है।
इसके बाद कोर्ट ने डार से मौजूदा याचिका वापस लेकर नई याचिका लगाने कहा। शुक्रवार को कोर्ट बाकी बची 7 याचिकाओं के आधार पर ही सुनवाई करेगा।
रमजान और शुक्रवार को हिजाब पहनने की छूट मिले
हिजाब को लेकर लगाई गई एक अन्य याचिका में डॉ. कुलकर्णी ने कोर्ट के सामने कहा कि कृपया शुक्रवार और रमजान के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति दें। 5वें दिन की सुनवाई के बीच नई याचिकाएं आने पर चीफ जस्टिस ने याचिकर्ताओं से कहा कि हम चार याचिकाएं सुन चुके हैं, 4 बाकी हैं। हमें नहीं पता कि आप इसके लिए और कितना टाइम लेंगे। हम इसके लिए और ज्यादा समय नहीं दे सकते।
बेंच ने एक याचिका खारिज की
बेंच ने एडवोकेट रहमतुल्लाह कोतवाल की याचिका, जनहित याचिका अधिनियम 2018 के तहत न होने के कारण खारिज कर दी। इसके पहले वकील ने बिना पहचान बताए ही दलील शुरू की तो जस्टिस दीक्षित ने उनसे पूछा कि आप इतने महत्वपूर्ण और गंभीर मामले में कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं, पेजिनेशन ठीक नहीं है, पहले अपनी पहचान बताओ, तुम हो कौन?
हुबली-धारवाड़ में 28 फरवरी तक बढ़ी धारा 144
कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ में स्कूल-कॉलेज के आसपास धारा 144 को 28 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। तत्काल प्रभाव से लागू किए जाने के साथ 200 मीटर के दायरे में किसी भी तरह का प्रदर्शन बैन रहेगा है। उधर दूसरी तरफ कर्नाटक बेलागवी में प्राइवेट कॉलेज के सामने कुछ लड़कों ने हिजाब पहने हुए मुस्लिम छात्राओं को क्लास में बैठने की अनुमति देने की मांग की। उन्होंने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए। उनमें से कुछ पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।
शिवमोगा में कॉलेज ने कहा ऑनलाइन क्लास में पढ़ें
शिवमोगा के DVS कॉलेज में गुरुवार को भी लड़कियां हिजाब पहनकर आईं। कॉलेज ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें धार्मिक प्रतीकों के साथ एंट्री देने से मना किया तो उन्होंने बहस शुरू कर दी। इस पर मैनेजमेंट ने उन्हें कॉलेज आने के बजाय ऑनलाइन क्लास अटेंड करने कहा। हाईकोर्ट में हिजाब विवाद पर गुरुवार को लगातार चौथे दिन सुनवाई होनी है।
इससे पहले बुधवार को कोर्ट में तीन जजों की बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील और सरकारी वकील ने अपनी-अपनी दलील पेश की, लेकिन किसी तरह का फैसला नहीं हो सका।
बुधवार को कोर्ट में क्या हुआ
कर्नाटक में हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान वकीलों की जोरदार जिरह हुई। मुस्लिम छात्राओं की ओर से पेश हुए एडवोकेट रविवर्मा कुमार ने बेंच के सामने कई दलीलें दी। उन्होंने कहा कि समझ नहीं आता कि सरकार हिजाब का मुद्दा उठाकर मुस्लिमों महिलाओं से दुश्मनों जैसा व्यवहार क्यों कर रही है।
जब हिंदू लड़कियां चूड़ी पहनती हैं और क्रिश्चियन क्रॉस पहनते हैं क्या वे धार्मिक प्रतीक नहीं हैं। ऐसे में आप इन बेचारी मुस्लिम लड़कियों को क्यों चुन रहे हैं। बुधवार को भी कर्नाटक हाईकोर्ट में इस मामले पर कोई फैसला नहीं हो सका। सीनियर एडवोकेट आदिश अग्रवाल ने इंटरवेंशन एप्लिकेशन के बारे में बताया, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि केस में किसी भी इंटरवेंशन की सुनवाई तब तक नहीं होगी जब तक कि जरूरी न हो। मामले में आगे की सुनवाई गुरुवार दोपहर को भी जारी रहेगी।
500 लोगों ने लिखा खुला खत
हिजाब मामले पर 500 से ज्यादा लॉ स्टूडेंट्स, लॉ एक्सपर्ट्स और वकीलों ने एक खुला पत्र लिखा है। जिसमें हिजाब पहनने के कारण मुस्लिम युवतियों को स्कूल-कॉलेज में एंट्री से रोकने की कड़ी निंदा की गई है। इसे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कहा है।
साथ ही यह भी कहा है कि मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं की यह अवहेलना सार्वजनिक दृष्टि से अमानवीय है, यह संविधान और पूरे समुदाय के अपमान के बराबर है। सम्मान के साथ जीवन जीने के उनके मूल अधिकार की रक्षा करने में विफल होने के कारण हमार सिर शर्म से झुक गया है।