कागजों में मृत किसान की पत्नी पर केस:पत्नी बोली पुलिस ने की झूठी एफआईआर
बैतूल। 17 साल से कागजों में मृत किसान के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने किसान की पत्नी और बेटे समेत दो पटवारियों पर मामले में एफआईआर दर्ज की है। किसान की पत्नी मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंची और खुद को बेगुनाह बताते हुए पुलिस कार्रवाई को उलझाने वाला बताया।
17 साल से मृत बताए जा रहे तिलकचंद उनकी पत्नी सावित्री और बेटे विजय धाकड़ बैतूल पहुंचे और पुलिस – प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने ज्ञापन सौंपकर तिलक की पत्नी पर सोमवार को गई एफआईआर को उन्हें बेवजह झूठे केस में फंसाने वाली कार्रवाई कहा।
तिलकचंद ने अपने आवेदन में कहा कि संशोधन क्रमांक – 3 आदेश दिनांक 11 दिसंबर 2004 में संलग्न शपथ पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन पत्र में आवेदकों के हस्ताक्षर संलग्न नहीं पाए गए। जिसके उपरान्त भी झूठी जांच कर आवेदकों पर झूठा केस लगा दिया गया है, जबकि दोनों पति-पत्नी बिना किसी विवाद के साथ रह रहे हैं। बेबुनियादी तथ्य के आधार पर एफआईआर कर दी गई। तहसीलदार प्रभात पट्टन की जांच में स्पष्ट हुआ था कि संशोधन के समय कोई मृत्यु प्रमाणपत्र या शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया था। उसके बावजूद सावित्री बाई और राजू पर एफआईआर दर्ज कर दी गई।
यह है मामला
70 साल के तिलकचंद धाकड़ का आरोप है कि उनके रिश्तेदार शिवरति और राजेंद्र ने ठेकानामा बनाने की आड़ में उनके परिवारवालों से कागजातों पर दस्तखत करवा लिए। पिछले 11 दिसंबर 2000 को किए गए नामांतरण में उन्हें मृत बता दिया गया। उनके नाम से गांव देवभिलाई में 2.732 हेक्टेयर जमीन है, जिसकी फर्जी तरीके से रजिस्ट्री भी करवा ली गई। इस पूरी धोखाधड़ी में पटवारी हरिदास और आरआई पूनम की खास भूमिका रही है। वृद्ध पिछले 17 सालों से खुद को जिंदा साबित करने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है। उसने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से लेकर कलेक्टर तक इस मामले की शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।