सऊदी अरब में वैलेंटाइन डे पर हजारों तरह के गिफ्ट आयटम्स
रियाद। सऊदी अरब बहुत तेजी से बदल रहा है और दुनिया को इसकी जानकारी भी है। अब यहां म्यूजिक फेस्टवल्स भी होते हैं और फिल्म फेस्टिवल्स भी। मेले भी सजते हैं और बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल्स भी देर रात तक खुलते हैं। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) मुल्क की तस्वीर बदल रहे हैं। अब महिलाओं को ड्राइविंग की आजादी है। वो काले अबाया (फुल बुर्का) की जगह अपने पसंद का बुर्का पहन सकती हैं।
आज वैलेंटाइन डे है। सऊदी अरब में भी इसका असर देखा जा सकता है। यहां मॉल्स में हजारों तरह के गिफ्ट्स मौजूद हैं। हां, एक पाबंदी है और वो अजीब लगती है। और वो ये कि कोई भी दुकानदार प्रमोशन या डिसप्ले बोर्ड पर ‘वैलेंटाइन डे’ नहीं लिख सकता।
सिर्फ शब्द से दूरी और परहेज
न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स और एएफपी’ ने सऊदी अरब में वैलेंटाइन डे पर रिपोर्ट्स पब्लिश की हैं। इनके मुताबिक- ज्यादातर शॉपिंग मॉल्स के डिसप्ले में सैकड़ों और हजारों तरह के गिफ्ट आयटम्स लगे हैं। इनमें महिलाओं के कपड़ों से लेकर महंगे परफ्यूम और वॉलेट के साथ ब्रेसलेट भी मौजूद हैं। सऊदी अरब की यंग जेनरेशन बड़े शौक से इन गिफ्ट्स को खरीद भी रही है। लेकिन, मजाल है कि कहीं आपको वैलेंटाइन डे जैसा शब्द लिखा मिल जाए।
मैनेजमेंट का आदेश
एक दुकान पर महिलाओं के खास और आम कपड़े डिसप्ले में लगे हैं। ज्यादातर का रंग सुर्ख लाल है। ये रंग वैलेंटाइन डे का प्रतीक या सिम्बल है। यहां मौजूद एक सेल्समैन ने कहा- मैनेजमेंट ने हमसे डिसप्ले विंडो बेहतरीन तरीके से सजाने को कहा है। लेकिन, ये भी सख्त आदेश है कि कहीं भी वैलेंटाइन डे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाए।
सऊदी अरब में आज भी रिलीजियस पुलसिंग का इंतजाम है। उसकी तरफ से भी कुछ आदेश जारी किए गए हैं। इनमें वैलेंटाइन डे शब्द का इस्तेमाल न करना भी है। कुल मिलाकर उस सऊदी अरब में भी वैलेंटाइन डे का असर महसूस किया जा सकता है जहां केवल मजहबी त्योहारों पर छुट्टियां मिलती थीं।
बदलाव की बयार
क्राउन प्रिंस सलमान 2030 तक मुल्क के ऑयल बेस्ड इकोनॉमी से आगे ले जाना चाहते हैं और इसके लिए बड़े बदलाव कर रहे हैं। इसके लिए रिलीजियस पुलिसिंग की सख्ती भी काफी हद तक कम की गई है। सऊदी को टूरिज्म बेस्ड इकोनॉमी बनाने पर भी तेजी से काम हो रहा है।
हालांकि, वैलेंटाइन डे पर शॉप्स पर डिसप्ले में लगे महिलाओं के कपड़ों से कुछ लोग असहज भी हैं। एक महिला ने कहा- हम इन सब चीजों को देखकर बहुत कम्फर्टेबल फील नहीं करते। लेकिन, अगर कुछ लोगों को यह अच्छा लगता है तो यह उनकी च्वॉइस का मामला है।
यंग जेनरेशन की चाहत
देश की आधे से ज्यादा आबादी 35 साल से कम है। उनके लिए तो वैलेंटाइन खास है। रियाद की एक 36 साल की सेल्सवुमन खुलोद ने कहा- पहले लोग वैलेंटाइन डे सेलिब्रेट नहीं करते थे, लेकिन अब काफी लोग इसे मनाते हैं। इस दौरान लाल रंग के कपड़ों की खास डिमांड है।
कुछ दुकानें तो बाकायदा डिस्काउंट भी दे रही हैं। 22 साल की रीम अल खतानी कहती हैं- सऊदी सोसायटी बदल रही है। लोग अब वैलेंटाइन डे को कबूल करने लगे हैं। हालांकि, अब भी इसका नाम नहीं लिया जाता। फिलहाल तो हम इसे कैफे और रेस्टोरेंट्स में ही सेलिब्रेट कर पाते हैं।