जिपं सीईओ के प्रयासों से एसएचजी की दीदीयों ने विपणन के क्षेत्र में बढ़ाया कदम
बैतूल। एनआरएलएम से संबंध महिला स्वसहायता समूह की दीदीयां अब बड़ी, पापड़, अचार बनाने कढ़ाई, बुनाई, सिलाई करने के साथ विपणन के क्षेत्र में कदम बढ़ाने लगी है। बैतूल जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डायरेक्ट आईएएस ऑफीसर अभिलाष मिश्रा के विशेष प्रयासों से महिला स्व सहायता समूह की दीदीयों ने रसोई गैस, सिलेण्डर की रिफिलिंग करवाने के साथ समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन कर स्थापित व्यवसाय के क्षेत्र में कदम बढ़ाया है। छ: स्वसहायता समूह की 66 महिलाओं ने धान उपार्जन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर एक लाख 40 हजार 519 क्विंटल धान की खरीदी की है। महिला स्व सहायता समूह द्वारा लगभग 27 करोड़ 26 लाख 6860 रूपए कीमत के धान का उपार्जन किया गया। जिसके एवज में स्व सहायता समूह की महिलाओं को 30 लाख 34 हजार रूपए का मुनाफा होगा।
2092 किसानों से खरीदी धान
बैतूल जिला पंचायत सीईओ श्री मिश्रा की पहल पर धान उपार्जन वर्ष 2021-22 ने विपणन संघ द्वारा छ: महिला स्वसहायता समूह को छ: केन्द्रों पर धान उपार्जन की जिम्मेदारी सौंपी थी। एनआरएलएम के जिला परियोजना प्रबंधक सतीष पवार ने बताया कि 29 नवंबर 2021 से 20 जनवरी 2022 के दौरान छ: महिला स्वसहायता समूहों द्वारा 2092 किसानों से एक लाख 40 हजार 519 क्विंटल धान का उपार्जन छ: खरीदी केन्द्रों पर किया गया। जिला परियोजना प्रबंधक श्री पवार ने बताया कि धान उपार्जन के लिए चयनित महिला स्वसहायता समूह की दीदीयों उपार्जन विपणन एवं लेखा संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षण से उत्साहित दीदीयों ने छ: केन्द्रों में लगभग 27 करोड़ 26 लाख रूपए कीमत के धान की खरीदी की गई।
43.56 लाख कमीशन मिलेगा, 30.34 लाख मुनाफा होगा
जिला विपणन संघ बैतूल से मिली जानकारी के मुताबिक धान उपार्जन करने वाली एजेंसी को 31 रूपए प्रति क्विंटल बतौर कमीशन का भुगतान करने का प्रावधान है। कमीशन की आधी राशि का भुगतान कर दिया गया है शेष रात्रि का भुगतान फायनल बिल जमा होने के बाद किया जायेगा। छ: महिला स्व सहायता समूहों द्वारा 1 लाख 40 हजार 519 क्विंटल धान का उपार्जन किया है। जिसका कमीशन 43 लाख 56 हजार रूपए महिला स्व सहायता समूहों को मिलेगा। धान उपार्जन की व्यवस्थाओं में स्व सहायता समूहों की 13 लाख 22 हजार रूपए की राशि व्यय हुई। कमीशन में से उक्त राशि घटाने पर 6 महिला स्व सहायता समूहों को धान उपार्जन में 30 लाख 34 हजार रूपए मुनाफा होगा।
53 दिनों मेें एक दीदी ने कमायें 45969
धान उपार्जन करने वाले महिला स्व सहायता समूह की दीदीयों ने जिस हिम्मत और मेहनत से धान की खरीदी की उसके एवज में उन्हें मुनाफा भी जबरदस्त होने वाला है। धान उपार्जन करने वाले छ: महिला स्वसहायता समूह की 66 दीदीयों ने 29 नवंबर 2021 से 20 जनवरी 2022 के दौरान 53 दिनों में धान खरीदी की। जिसके एवज में उन्हें मिलने वाली कमीशन की राशि 43 लाख 56 हजार रूपए में से उपार्जन पर व्यय राशि 13 लाख 22 हजार रूपए कम करने पर 30 लाख 34 हजार रूपए शुद्ध लाभ होगा। लाभ की राशि में सभी 66 दीदीयों की बराबर की हिस्सेदारी है। इस लिहाज से देखा जाये तो धान उपार्जन में प्रत्येक दीदीयों द्वारा 53 दिनों में 45 हजार 969 रूपए कमायें।
हर क्षेत्र में अपनी उपयोगिता साबित कर रही है दीदीयां- जिपं सीईओ
बैतूल जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्रा ने बताया कि महिला स्वसहायता समूह की दीदीयों को स्थापित व्यवसाय के क्षेत्र में लाने के लिए बतौर प्रयोग उन्हें धान उपार्जन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। महिला स्वसहायता समूह द्वारा जिन छ: खरीदी केन्द्रों पर धान का उपार्जन किया गया वहां खरीदी की प्रोसेस स्मूथली और बगैर शिकवा शिकायत वाद विवाद की रही। महिला स्व सहायता समूह की दीदीयों ने एक लाख 40 हजार 519 क्विंटल धान का उपार्जन कर हर क्षेत्र में अपनी उपयोगिता साबित करना रेखांकित कर दिया। जिला पंचायत सीईओ श्री मिश्रा के मुताबिक स्थापित व्यवसाय के क्षेत्र में स्वसहायता समूह की दीदीयों की सफलता से उनका आत्म विश्वास बढऩे के साथ ही आय भी बढ़ेगी। धान उपार्जन में एसएचजी की दीदीयों की सफलता महिला सशक्तिकरण की मिशाल मानी जा सकती है। जिला पंचायत सीईओ के मुताबिक गेहूं उपार्जन में भी अधिक से अधिक महिला स्वसहायता समूहों की सहभागिता करवाई जायेगी।