बैतूल हाउसिंग प्रोजेक्ट में खामियां
बैतूल।बैतूल के कम आय वर्ग के जरूरतमंद लोगों को कम बजट में आवास उपलब्ध कराने की योजना लापरवाही की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। इसकी बानगी बैतूल के टेमनी में देखा जा सकता है। जहां 4 करोड़ की लागत के हाउसिंग प्रोजेक्ट में बड़ी तकनीकी खामियां देखने को मिली है। यहीं वजह है कि यह प्रोजेक्ट निर्माण के साथ ही बदहाली की कहानी कहता दिखाई दे रहा है। बावजूद इसके हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी इन्हें सामान्य खामियां ही बता रहे हैं, जबकि विशेषज्ञ इसे गंभीर गलतियां और निर्माण मापदंडों के विपरीत बता रहे हैं।
40 मकानों वाले इस प्रोजेक्ट में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के मकान बन रहे है। जिसके निर्माण में खामियां ही खामियां देखने को मिल रही हैं। निर्माण एजेंसी ने यहां हर भवन में शौचालय और रसोई के पानी निकासी के लिए जिन पाइपों को बाहर निकाला है। उन्हें लगाने के लिए भवनों के बीम के सरिए और कंक्रीट को काट दिया गया है। जानकार बताते हैं कि इससे भवन की गुणवत्ता कमजोर हो गयी है। बीम पर ही भवन की संरचना टिकी होती है लेकिन इसे किसी नौसिखिए निर्माण कर्मकार की तरह कमजोर कर दिया गया है।
कमरों में फिलिंग के लिए डाली गई मुरम का कंपेक्शन ठीक ढंग से न किये जाने की वजह से कई स्थानों पर बीम लटक गए है। कंपेक्शन की कमी से कमरों में बड़े-बडे़ गड्ढे नजर आने लगे हैं। इसे कॉम्पेक्ट करने के लिए न तो वजनदार दबाव का इस्तेमाल किया गया है और न ही वाटरिंग की गई है। इस साइड की मॉनिटरिंग कर रहे सहायक यंत्री प्रमोद कड़बे इन खामियों को सामान्य त्रुटि बता रहे हैं।उनका कहना है कि हैंडओवर के समय सबकुछ दुरुस्त कर दिया जाएगा।
साइट सलेक्शन गलत बैतूल से 6 किमी दूर बन रहे इस आवासीय प्रोजेक्ट में बन रहे मकानों को खरीदने वाले नही मिल रहे हैं। यही वजह है कि 10 करोड़ लागत के इस प्रोजेक्ट को 4 करोड़ में समेटना पड़ा है। यहां 132 आवास बनाने की योजना थी लेकिन अब महज 60 आवास ही बनाये जा रहे हैं। रही सही कसर इसके निर्माण खामियों ने पूरी कर दी है। इसे देखकर ही क्रेता यहां रुपया लगाने में डर रहे है।