एक्ट्रेस जूही के सामने समाजसेवा की शर्त
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को 5G रोल आउट मामले में एक्ट्रेस जूही चावला के खिलाफ दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की याचिका पर सुनवाई की। जिसमें जूही समेत दो अन्य लोगों पर लगे 20 लाख रुपए के जुर्माने को घटाकर 2 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह शर्त भी रखी कि सेलेब्रिटी होने के नाते समाज की भलाई के लिए कुछ काम करने होंगे।
जूही की तरफ से उनके वकील सलमान खुर्शीद ने बेंच के सामने उनका पक्ष रखा था। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (DSLSA) के सचिव को नोटिस जारी कर अपील पर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी।
कोर्ट ने रखी जूही के सामने शर्त
कोर्ट ने कहा कि हम पूरा जुर्माना माफ नहीं करेंगे लेकिन हम इसे 20 लाख से घटाकर 2 लाख कर सकते हैं। लेकिन हमारी एक शर्त है। चूंकि आपकी मुवक्किल एक सेलिब्रिटी है, हम चाहते हैं कि वो समाज के लिए कुछ अच्छा करेंI
जूही की गिरफ्तारी और कुर्की की मांग की थी
इसके पहले दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस एसोसिएशन ने कोर्ट में जूही के खिलाफ याचिका लगाई थी कि 7 महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी जुर्माने की रकम जमा नहीं की है, जिसे उन्हें 7 दिन के अंदर भरना था। प्राधिकरण के वकील सौरभ कंसल और पल्लवी एस कंसल ने DSLSA को जुर्माने की वसूली के लिए जूही चावला की चल और अचल संपत्ति की कुर्की और बिक्री के लिए वारंट जारी करने की याचिका दायर की थी। जुर्माना जमा न कर पाने उन्होंने जूही की गिरफ्तारी की मांग भी की थी। इसी याचिका पर 25 जनवरी को सुनवाई हुई।
जूही ने माना कोर्ट का प्रस्ताव
पीठ ने जूही के वकील सलमान खुर्शीद से पूछा, क्या वह ऐसा करेंगी? वे यहां DSLSA के लिए एक कार्यक्रम कर सकती हैं। एसोसिएशन के लोग उनसे संपर्क करेंगे। वे इसमें शामिल होकर प्रचार कर सकती हैं। इस पर खुर्शीद ने कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात होगी। बाद में जूही ने भी इसके लिए हामी भरी और सुझाव देने के लिए कोर्ट का आभार व्यक्त किया।
कोर्ट फीस के भुगतान में छूट देने की अपील के बारे में हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें अपवाद क्यों होना चाहिए। ऐसा तो नहीं है कि जूही के पास फीस चुकाने पैसे नहीं है। हर कोई कोर्ट फीस चुकाता है। उन्हें कोर्ट के अनुशासन का पालन करना होगा।
एसोसिएशन को भी दिया नोटिस
वहीं दूसरी ओर बेंच ने DSLSA को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने के लिए इच्छुक नहीं है, यह देखते हुए कि एकल न्यायाधीश के आदेश के बाद याचिकाकर्ताओं को याचिका वापस कर दी गई है क्योंकि उनकी शिकायत सिर्फ 20 लाख रुपये के भुगतान से जुड़ी थी।
यह था पूरा मामला
पिछले साल जून में सिंगल जज बेंच ने जूही चावला और दो अन्य लोगों पर 5G रोल आउट के खिलाफ किए मुकदमे को दोषपूर्ण बताते हुए कानून का दुरुपयोग कहा था। बेंच ने जूही चावला की 5G टेक्नोलॉजी लागू किए जाने से पहले इंसानों और पशु-पक्षियों पर इसके असर की जांच की मांग वाली याचिका को पब्लिसिटी पाने का स्टंट बताया था। 20 लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए खारिज कर दिया था।