दबंगों को खटका दलित दूल्हे का घोड़ी चढ़ना
सागर।मध्यप्रदेश के सागर में दलित दूल्हे के घोड़ी चढ़ने पर बवाल हो गया। पुलिस के पहरे में घर से दूल्हे की घोड़ी पर बैठकर निकासी तो हो गई। बारात भी चली गई। लेकिन रात में दबंगों ने बस्ती पर हमला कर दिया। दूल्हे के घर और आसपास के घरों पर पथराव कर दिया। बाहर रखी गाड़ियों के कांच फोड़ दिए। रात में दलित थाने पहुंच गए। फिलहाल गांव में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात किया गया है। उपद्रव करने वाले 20 से अधिक आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने बलवा समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
मामला सागर के बंडा थाना क्षेत्र के ग्राम गनियारी का है। गांव में अहिरवार जाति से आज तक कोई दूल्हा कभी घोड़ी पर नहीं चढ़ा था। रविवार को दिलीप अहिरवार की शादी थी। परिवार ने तय किया कि वे बेटे के बारात की निकासी घोड़ी पर करेंगे। दूल्हा दिलीप घोड़ी पर बैठकर पूजन के लिए जा रहा था। इसी बात को लेकर गांव के कुछ दबंगों को आपत्ति जताई। जिसके बाद पुलिस को खबर की गई। हालात को देखते हुए पुलिस गांव पहुंची और पुलिस के पहरे में घोड़ी पर बैठकर दूल्हा पूजन के लिए निकला। शाम को बारात गांव से चली गई। इसके बाद गांव के कुछ असामाजिक तत्वों ने शादी वाले घर और आसपास के घरों पर पथराव कर दिया। घरों के बाहर खड़े वाहनों में तोडफ़ोड़ की गई। हंगामा होने पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में लिया।
गांव में तैनात किया गया पुलिस बल
उपद्रव के बाद ग्राम गनियारी में तनाव का माहौल है। पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से गांव में पुलिस बल तैनात किया है। वहीं सागर से एडिशनल एसपी विक्रम सिंह कुशवाहा ने मौके पर पहुंचकर घटनाक्रम की जानकारी ली।
20 से अधिक उपद्रवियों पर केस दर्ज
बंडा थाना प्रभारी मानस द्विवेदी ने बताया कि नशे की हालत में गांव के कुछ लोगों ने घरों पर पथराव कर तोडफ़ोड़ की है। गांव में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात किया गया है। मामले में फरियादी प्रमोद की शिकायत पर 20 से अधिक आरोपियों के खिलाफ बलवा समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोपी धर्मेंद्र लोधी समेत अन्य को गिरफ्तार किया है। कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
इधर, भीम आर्मी ने राजनीति शुरू कर दी
घटना के बाद भीम आर्मी के सदस्यों ने लोगों को उकसाना शुरू कर दिया। वे युवाओं के साथ नारेबाजी करने लगे। हालांकि दलित समाज के बुजुर्गों की समझदारी से बवाल नहीं बढ़ा।