इमरान खान ने कहा- अफगानिस्तान को अलग-थलग करने से दुनिया का ही नुकसान
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर दुनिया से अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत को मान्यता देने की गुजारिश की है। इमरान ने कहा- अगर अफगानिस्तान को बचाना है, वहां के लोगों को बचाना है तो फिर उसे अलग-थलग नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें दुनिया का ही नुकसान है। पाकिस्तान सरकार ने अफगानिस्तान पर एक कमेटी बनाई है। बुधवार रात इसकी मीटिंग हुई। इसी मीटिंग में इमरान ने यह बयान दिया।
आर्मी चीफ भी मौजूद रहे
कमेटी की मीटिंग में आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर डॉक्टर मोईद यूसुफ और फॉरेन मिनिस्टर शाह महमूद कुरैशी के अलावा कई कैबिनेट मंत्री भी शामिल हुए।
इमरान ने कहा- दुनिया को अफगानिस्तान को अलग-थलग करने की गलती दोहरानी नहीं चाहिए। दुनिया का फर्ज है कि वो अफगानिस्तान के मामलों को गहराई से देखे और उसकी मदद करे। पाकिस्तान अपने पड़ोसी की हर मुमकिन मदद करेगा। हम अफगान नागरिकों को वीजा देने के नियम भी सरल करने जा रहे हैं।
OIC मीटिंग का फायदा उठाने की कोशिश
इमरान का यह बयान वास्तव में 19 दिसंबर को इस्लामाबाद में होने वाली ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (OIC) के मद्देनजर देखा जा रहा है। पाकिस्तान इस मीटिंग में अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत को मान्यता दिलाने की भरसक कोशिश करेगा। खास बात यह है कि अफगान हुकूमत को मान्यता दिलाने के लिए पूरा जोर लगा रही इमरान सरकार ने खुद ही अब तक तालिबान हुकूमत को मान्यता नहीं दी है, जबकि पाकिस्तान सरकार पूरी दुनिया में इसके लिए कोशिश कर रही है। हालांकि, OIC अफगानिस्तान और कश्मीर मुद्दे पर पहले ही पाकिस्तान के साथ नजर नहीं आता।
हामिद करजई का बड़ा खुलासा
बुधवार को अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने एक बड़ा खुलासा किया। न्यूज एजेंसी एपी को दिए इंटरव्यू में करजई ने कहा- यह गलतफहमी है कि 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था। दरअसल, काबुल के लोगों को हिंसा और अफरातफरी से बचाने के लिए तालिबान को शहर में आने का न्योता दिया गया था। इसके पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी और बाकी तमाम अहम लोग देश छोड़ चुके थे। अगर तालिबान ताकत के बल पर शहर पर कब्जा करते तो भयानक हालात पैदा हो जाते। करजई के मुताबिक, उन्होंने तालिबान को खुद काबुल आने का न्योता दिया था, लेकिन खुद मुल्क छोड़ने से इनकार कर दिया था।