चारधाम देवस्थानम बोर्ड भंग, साधु-संतों की मांग के आगे उत्तराखंड सरकार झुकी
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड एक्ट को वापस लेने का फैसला किया है। राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले दिनों देवस्थानम बोर्ड को लेकर विभिन्न प्रकार के सामाजिक संगठनों, तीर्थ पुरोहितों, पंडा समाज के लोगों और विभिन्न प्रकार के जनप्रतिनिधियों से बात की है और सभी के सुझाव आए हैं।
उन्होंने कहा, “मनोहर कांत ध्यानी ने एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई थी। उस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट दी है। जिस पर हमने विचार करते हुए फैसला लिया है कि हम इस एक्ट को वापस ले रहे हैं। आगे चल कर हम सभी से बात करते जो भी उत्तराखंड राज्य के हित में होगा उस पर कार्रवाई करेंगे।”
इस बोर्ड का गठन भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान हुआ था। साधु-संत इसका लगातार विरोध कर रहे थे। कहा जाता है कि इस एक्ट के विरोध के चलते रावत को सीएम पद गंवाना पड़ा था।