ओमिक्रॉन पर एक्शन में सरकार निगेटिव आने पर भी 7 दिन क्वारैंटाइन रहना होगा
नई दिल्ली। भारत में पिछले 24 घंटे में 8,309 कोरोना केस सामने आए हैं। वहीं, इस दौरान कोरोना से 236 लोगों की जान भी गई है। इस बीच, वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के मद्देनजर भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए सोमवार को नई गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन के मुताबिक, ‘एट रिस्क’ देशों से आने वाले सभी यात्रियों को आने के साथ ही कोविड-19 टेस्ट से गुजरना होगा। टेस्टिंग की शर्त तब भी लागू होगी, जबकि आने वाले यात्री पूरी तरह वैक्सीनेटेड हों।
‘एट रिस्क’ वाले देशों को छोड़कर बाकी देशों के यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति होगी। उन्हें 14 दिन के लिए सेल्फ मॉनीटिरिंग करनी होगी। ओमिक्रॉन के खतरे की श्रेणी से जिन देशों को बाहर रखा गया है, वहां से आने वाले यात्रियों में 5% की टेस्टिंग जरूर की जाएगी।
गाइडलाइन्स की मुख्य बातें..
‘एट रिस्क’ यानी खतरे की श्रेणी में रखे गए देशों से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर टेस्ट कराना होगा।
बाहर जाने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले किए गए टेस्ट की RT-PCR रिपोर्ट देना जरूरी होगा।
पॉजिटिव पाए जाने वाले यात्रियों को आइसोलेट किया जाएगा, सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग होगी।
निगेटिव पाए गए यात्री घर जा सकेंगे, पर 7 दिन तक आइसोलेट रहना होगा। ऐसे यात्रियों का 8वें दिन फिर टेस्ट होगा और अगले 7 दिन उन्हें सेल्फ मॉनीटिरिंग करनी होगी।
ओमिक्रॉन के खतरे की श्रेणी से जिन देशों को बाहर रखा गया है, वहां से आने वाले यात्रियों में 5 फीसदी की टेस्टिंग जरूर की जाएगी।
राज्य भी विदेशों से आने वाले यात्रियों की निगरानी करें, टेस्टिंग बढ़ाएं और कोरोना हॉटस्पॉट की भी निगरानी करें।
12 देशों को ‘एट रिस्क’ वाले देशों में रखा
राज्यों को निगरानी बढ़ाने को कहा
राज्यों को भी निगरानी बढ़ाने को कहानई गाइडलाइन में राज्यों से भी विदेशों से आने वाले यात्रियों की निगरानी और टेस्टिंग बढ़ाने के साथ ही कोरोना हॉटस्पॉट की भी निगरानी करने को कहा है।
बड़े शहरों में संक्रमण रोकने के लिए केंद्र ने राज्यों को खासतौर पर आगाह किया है, उन्हें टेस्टिंग बढ़ाने को कहा गया है।
बड़े शहरों में संक्रमण रोकने के लिए केंद्र ने राज्यों को खासतौर पर आगाह किया है, उन्हें टेस्टिंग बढ़ाने को कहा गया है।
‘एट रिस्क’ वाले देशों के यात्री जांच रिपोर्ट आने तक एयरपोर्ट पर ही रहेंगे
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘एट रिस्क’ यानी खतरे की श्रेणी में रखे गए देशों से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर टेस्ट कराना होगा। एयरपोर्ट पर ही रिजल्ट की प्रतीक्षा करनी होगी। यदि रिपोर्ट नेगेटिव है तो वे 7 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन होंगे। 8वें दिन फिर टेस्ट होगा और यदि नेगेटिव हो तो अगले 7 दिनों के लिए खुद अपनी निगरानी करनी यानी सेल्फ मॉनीटिरिंग करनी होगी।