रिलीव करें ना करें का दबाव झेल रहे सीएस?
मामला डॉक्टर डब्ल्यूए नागले के स्थानांतरण का
बैतूल। यहां पर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि डसीनियर पैथालॉजिस्ट डॉ. डब्ल्यूए नागले का स्थानांतरण अस्पताल प्रबंधन के लिए गुड़ भरा हसिया बन गया है। इनको रिलीव करने और नहीं करने को लेकर अस्पताल प्रबंधन इन दिनों बेहद तनाव के साथ-साथ दबाव में काम कर रहा है।
रिलीव करने आ रहा दबाव
सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा ने राष्ट्रीय जनादेश से हुई चर्चा में बताया कि वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. डब्ल्यूए नागले का प्रशासनिक स्तर पर मंडला स्थानांतरण शासन द्वारा कर दिया गया है। डॉ. नागले को जिला अस्पताल बैतूल से रिलीव करने के लिए लगातार दबाव आ रहा है। जबकि दूसरी जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की इतनी अधिक कमी बनी हुई है कि कहा नहीं जा सकता है।
एक-एक कर जिले से जा रहे हैं डॉक्टर
जिले से स्थानांतरण होने वाले डॉक्टरों को हम रोक नहीं पा रहे हैं और नए डॉक्टरों की पदस्थापना करवा नहीं पा रहे हैं तो आखिर क्या करें? उन्होंने बताया कि यदि डॉक्टर नागले को रिलीव किया जाता है तो एक डॉक्टर की अस्पताल में कमी हो जाती है, और यदि नहीं किया जाए तो रिलीव करने का दबाव झेलना पड़ता है। यह स्थिति बेहद कष्टप्रद बन गई है। जबकि जिले में कोई डॉक्टर की पदस्थापना नहीं हो पा रही है।
खाली पड़ी रहती है ओपीडी
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होने से ओपीडी खाली रहती है जबकि मरीजों की भरमार बन रहती है। इस स्थिति में अस्पताल का प्रबंधन करना भी बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया है। यदि जिले में पर्याप्त मात्रा में डॉक्टरों की पदस्थापना हो जाए तो रिलीव करना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि नौकरी में स्थानांतरण एक जगह से दूसरी जगह होना एक सामान्य प्रक्रिया है।
डॉ. नागले से मांगी प्रभारों की जानकारी
सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा डॉ. डब्लयूए नागले को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि आपका स्थानांतरण जिला चिकित्सालय बैतूल से जिला चिकित्सालय मंडला प्रशासकीय आधार पर किया गया है। जिला चिकित्सालय बैतूल में आपके पास विभिन्न प्रकार के प्रभार हैं, उसकी सूची उपलब्ध कराएं ताकि प्रभारमुक्त करने संबंधित अग्रिम कार्यवाही की जा सके।
डॉ. गोहिया को दिया सीएस का चार्ज
बहरहाल सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा अस्वस्थ होने के कारण उन्होंने एक माह का अवकाश ले लिया है जिससे सिविल सर्जन का चार्ज वरिष्ठ महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रेणुका गोहिया को दे दिया गया है। हालांकि स्थानांरतण नीति यह भी कहती है कि अगर किसी शासकीय अधिकारी-कर्मचारी का स्थानांतरण किया गया है तो वह मेडिकल पर अवकाश उसी शर्त पर ले सकता है कि पहले जहां स्थानांतरण हुआ है वहां पर अपनी ज्वाईनिंग दे और उसके बाद मेडिकल अवकाश पर जाए। लेकिन जिले में यह नीति का भी पालन नहीं किया जा रहा है।