सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-दिल्ली सरकार से कल तक जवाब मांगा; कहा- गाड़ियों और पॉवर प्लांट्स पर सख्ती करें
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पॉल्यूशन की समस्या पर केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने प्रदूषण के मसले पर सुनवाई के दौरान दोनों सरकारों को कहा है कि वे जल्द से जल्द प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कल तक जवाब मांगा है, वहीं केंद्र सरकार से कहा है कि आपात बैठक बुलाएं और दिल्ली, पंजाब और हरियाणा सरकारों को एक साथ बैठाकर प्रदूषण की समस्या का हल निकालें। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और उत्तरी राज्यों में वर्तमान में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है क्योंकि यह प्रदूषण में केवल 10% योगदान देता है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कल शाम तक जवाब मांगा है कि किन उद्योगों को रोका जा सकता है, किन वाहनों को चलने से रोका जा सकता है और किन बिजली संयंत्रों को रोका जा सकता है और आप तब तक वैकल्पिक बिजली कैसे उपलब्ध करा सकते हैं। साथ ही वर्क फ्रॉम होम लागू करने पर भी विचार करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्रीज और यातायात के साधन हैं। कुछ इलाकों में पराली का जलना भी वायु प्रदूषण में हिस्सेदार है।
दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया- लॉकडाउन के लिए तैयार हैं हम
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करके बताया कि प्रदूषण को रोकने के लिए वे संपूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने को पूरी तरह तैयार हैं। साथ में सरकार ने यह भी कहा है कि ऐसे कदमों से सिर्फ कुछ समय का असर पड़ेगा। केजरीवाल सरकार ने बताया कि दिल्ली के साथ NCR क्षेत्र में भी लॉकडाउन लगाने की जरूरत है, तभी ऐसे कदमों का असर पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह दिल्ली को NCR का हिस्सा मान ले और पूरे एनसीआर में लॉकडाउन लगा दे।