काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनिक को पकड़ाया गया बच्चा 80 दिनों से है लापता
वॉशिंगटन। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद चलाए गए अमेरिकी रेस्क्यू मिशन के दौरान बेहद मार्मिक तस्वीरें सामने आई थीं, जिनमें अमेरिकी सैनिक छोटे बच्चों को संभल रहे थे और उन्हें कंटीले तारों के ऊपर से पार करा रहे थे। ऐसे ही एक वाकये में एक बच्चा खो गया, जिसे उसके माता-पिता 80 दिनों से ढूंढ़ रहे हैं।
लापता हो गया 2 महीने का बच्चा
अफगानिस्तान में US एम्बैसी में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करने वाले मिर्जा अली अहमद और उनकी बीवी सुराया 19 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट में घुसने की कोशिश कर रहे थे। उनके साथ उनके 5 बच्चे भी थे, जिसमें से सबसे छोटा बच्चा सोहेल 2 महीने का था। एयरपोर्ट के दरवाजे पर भारी भीड़ थी। इस बीच एक अमेरिकी सैनिक ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें मदद चाहिए।
मिर्जा अली ने अपने बेटे सोहेल की सलामती के लिए उसे अमेरिकी सैनिक को पकड़ा दिया। उन्होंने सोचा कि गेट के उस पार आकर उसे वापस ले लेंगे। दरवाजा सिर्फ 5 मीटर दूर था और उन्हें उसे पार करने में ज्यादा देर नहीं लगती, लेकिन तभी अंदर से भीड़ का एक जोरदार धक्का आया और गेट पर खड़े सभी लोग पीछे खिसक गए। फिर उन्हें एयरपोर्ट में दाखिल होने में आधा घंटा लग गया। आखिर जब उन्होंने अंदर जाकर उन्होंने अपने बेटे को ढूंढ़ा, तो वह कहीं नहीं मिला।
दूसरे परिवारों को मिल गए उनके बच्चे
मिर्जा ने कहा कि उन्होंने देखा था कि दूसरे परिवार भी अपने बच्चों को दीवार के ऊपर से दूसरी तरफ भेजने के लिए अमेरिकी सैनिकों की मदद ले रहे थे। डायपर पहने एक छोटे बच्चे को कंटीले तार के ऊपर से दूसरी तरफ ले जाने का वीडियो सामने आया था। वह बच्चा अपने माता-पिता को मिल गया था।
मिर्जा अली ने एयरपोर्ट पर हर अधिकारी से अपने बच्चे के बारे में पूछा पर किसी को उसकी कोई खबर नहीं थी। एक कमांडर ने उसे बताया कि एयरपोर्ट बच्चों के लिए बेहद खतरनाक जगह है, ऐसे में हो सकता है कि उनके बेटे को बच्चों के लिए बनाए खास इलाके में ले जाया गया हो, लेकिन, जब वे वहां पहुंचे तो वह जगह खाली थी।
अमेरिका में शरण लेकर रह रहे हैं मिर्जा
मिर्जा ने बताया कि उन्होंने 20 से भी ज्यादा लाेगाें से अपने बेटे के बारे में पूछा। एक अधिकारी ने उन्हें बताया कि हो सकता है उनके बच्चे को पहले ही रेस्क्यू प्लेन में बैठा दिया हो, क्योंकि एयरपोर्ट पर बच्चों को रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। आखिर मिर्जा अली, उनकी बीवी और चार बच्चों को कतर की रेस्क्यू फ्लाइट में बैठाया गया, फिर यहां से उन्हें जर्मनी ले जाया गया। आखिरकार वे अमेरिका उतरे। ये पूरा परिवार फिलहाल टेक्सास में फोर्ट ब्लिस में दूसरे अफगानी रिफ्यूजियों के साथ रह रहा है और अमेरिका में कहीं सेटल होने की कोशिश कर रहा है।
कई लोग उनके बच्चे को ढूंढ़ने में मदद कर रहे हैं। अफगान रिफ्यूजी सपोर्ट ग्रुप ने सोहेल की तस्वीर लगाकर मिसिंग बेबी का साइन लगाया है। इसे वे इस उम्मीद में सर्कुलेट कर रहे हैं, कि कोई सोहैल को पहचान लेगा। अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी ने कई एजेंसियों को इस केस पर नजर रखने को कहा है।