आज रिलीज हो रही अक्षय कुमार-कटरीना की ‘सूर्यवंशी’
मुंबई। क्या OTT की वजह से लोग थिएटर में जाना कम कर देंगे? OTT सीरीज में शानदार एक्टिंग और दमदार कहानियों से लोगों का टेस्ट बदल चुका है, क्या अब माइंडलेस एक्शन और सिर्फ स्टार वैल्यू के दम पर फिल्में चलेंगी? जो फिल्में डेढ़-दो साल से बनकर तैयार थीं, उसको देखने में अब किसी को इंटरेस्ट है या नहीं? ऐसे कई सवालों के जवाब आज से रिलीज हो रही फिल्म ‘सूर्यवंशी’ से मिलेंगे। बॉलीवुड के लिए यह इस साल का सबसे बड़ा इम्तिहान है। पूरी इंडस्ट्री को उम्मीद है कि सारे देश में थिएटर बिजनेस यहां से री-बूट हो सकता है।
अब एक महीना और नहीं रुकेंगे
यह फिल्म एक महीने बाद नेटफ्लिक्स पर आ जाएगी। लेकिन, ट्रेड एक्सपर्ट अतुल मोहन मानते हैं कि इस बात का लोगों के थियेटर में जाने या ना जाने के फैसले पर बड़ा प्रभाव नही होगा। वह बताते हैं कि सिनेमाहॉल में आप सारी दुनिया को छोड़कर फिल्म की काल्पनिक दुनिया में खो जाते हैं। OTT पर घर बैठे फिल्म देखते वक्त आप कुछ बात करते रहते हो, मोबाइल देखते रहते हो। सिनेमाहॉल वाला कनेक्ट हो ही नहीं पाता।
बात पैसे की करें तो, जैसे ‘एप्पल’ की हर प्रोडक्ट के दाम कुछ समय बाद गिरते ही हैं। लेकिन, लोग उसे शुरुआत में ही खरीदना चाहते हैं। वैसे ही, जिन्हें बड़े पर्दे का मजा चाहिए, वह OTT के लिए नहीं रुकेंगे।
कोरोना के बाद नया बेंचमार्क
अतुल बताते हैं कि अभी भी वह समय नहीं है कि इस फिल्म को कोरोना से पहले के 100-200 करोड़ वाले बेंचमार्क से नापा जाए। लोग सिनेमाहॉल में वापस लौटें, यही बड़ी बात होगी। यह फिल्म का जितना भी कलेक्शन होगा, वह आने वाली फिल्मों के लिए नया बेंचमार्क होगा।
यह भी तय होगा कि लोगों को थिएटर की ओर वापस लाना है तो बहुत ही ग्रैंड स्कैल पर बनी फिल्म, बहुत ही बड़ी और सबसे पोपुलर स्टारकास्ट, बहुत ही संजिदा ट्रीटमेंट चाहिए। लो-बजट फिल्में या छोटी स्टारकास्ट लोगो को थिएटर में वापस नहीं आएगी।
लेकिन यह फिर से साबित होगा कि बड़े पर्दे का स्थान कोई नहीं ले सकता। पहले टीवी, सेटेलाइट चैनल्स और इंटरनेट के सामने भी बड़ा पर्दा जीत चुका है। वही इतिहास OTT के मुकाबले भी फिर से दोहराया जाएगा।
आगे किस पर उम्मीद
अगर ‘सूर्यवंशी’ ने भी उम्मीद जितना बिजनेस नहीं किया तो बॉलीवुड के लिए वह बहुत बड़ी मायूसी होगी। इसके बाद ‘बंटी और बबली-2’ को मल्टीप्लेक्स ऑडियंस तो ‘सत्यमेव जयते-2’ को सिंगल स्क्रीन ऑडियंस की फिल्म माना जा रहा है। सारी कैटगरी के दर्शको को वापस ला सके ऐसी फिल्म क्रिसमस पर रिलीज़ हो रही ‘83’ हो सकती है या यह जिम्मेवारी जनवरी में आपस में भिड़ने वाली ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ और ‘आरआरआर’ पर रहेगी।