मई में सावन जैसा मौसम, बिजली खपत 20% कम
भोपाल। मध्यप्रदेश में जेठ का महीना इस बार सावन जैसा बीत रहा है। बीते 16 दिन में एक भी ऐसा दिन नहीं रहा, जब आंधी या बारिश न हुई हो। इस दौरान ओले भी गिरे। इंदौर में 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है, प्रदेश का यह आंकड़ा अब तक औसतन आधा इंच के पार है। जबकि मई की सामान्य बारिश 6.6 मिमी है।
भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में भी हर दिन बादल छाए रहे। गर्मी और लू वाले मई महीने में इस बार लोगों को राहत तो मिली, लेकिन इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगा है।
बारिश और ठंडी हवाओं की वजह से बिजली की खपत में 20% तक गिरावट आई है। वहीं एसी-कूलर का कारोबार पहले के तुलना आधा रह गया है। धार, बुरहानपुर-खरगोन समेत कई जिलों में आम, केले और पपीते जैसी फसलें बर्बाद हो गई। बे-मौसम बारिश के कारण पानी की बचत और ग्राउंड वाटर लेवल में सुधार हुआ है, लेकिन छोटे व्यापारियों और किसानों के लिए यह मौसम घाटे का सौदा साबित हो रहा है।
मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार मई में फिर से साल 2023 जैसा मौसम है। इस महीने पहली बार 20 दिन बारिश हुई थी। प्रदेश के किसी न किसी जिले में पानी गिरा था। कुल सवा इंच बारिश दर्ज की गई थी, जो सामान्य बारिश से 5 गुना अधिक थी।
15 साल में दूसरा मौका है, जब साल 2025 के मई महीने में गर्मी से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड बना रही है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस और ट्रफ सिस्टम लगातार एक्टिव हैं, जिससे यह बदलाव देखने को मिल रहा है। 1 से 16 मई तक बारिश हो चुका है।
ऐसा पहली बार हुआ है, जब लगातार इतने दिनों तक प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में तेज आंधी, बारिश हुई। कुछ जिलों में ओले भी गिरे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो 19 मई तक ऐसा ही मौसम रहेगा। 20 मई के बाद ही गर्मी का असली दौर शुरू होगा।