विराट की बदौलत क्रिकेट को मिली शोहरत:टी-20 युग में टेस्ट को बेस्ट बनाया
स्पोर्ट्स डेस्क। ’60 ओवर, उन्हें नर्क महसूस होना चाहिए।’ विराट कोहली के लॉर्ड्स स्टेडियम पर कहे ये शब्द हर क्रिकेट फैन और एक्सपर्ट के दिमाग में छपे हैं। 2021 में टीम इंडिया के सामने इंग्लैंड को 60 ओवर में ऑलआउट करने की चुनौती थी, इंग्लैंड ड्रॉ के लिए खेल रही थी। तब विराट ने अपने प्लेयर्स से ये शब्द कहे और टीम ने 52 ओवर में इंग्लैंड को समेट दिया। कप्तानी में विराट के ऐसे ही शब्दों ने टीम इंडिया को टेस्ट में लगातार 5 साल तक नंबर-1 बनाए रखा।
विराट ने 12 मई को अपने फेवरेट फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। वे 10 हजार रन भले न बना सके, लेकिन उनके एग्रेसिव अप्रोच ने टेस्ट इतिहास में उन्हें हमेशा के लिए अमर कर दिया। कोहली की वजह से क्रिकेट ओलिंपिक में 128 साल बाद वापसी करने वाला है। उन्होंने ही दुनिया में क्रिकेट को एक अलग पहचान दिलाई।
विराट ने टी-20 युग में कैसे टेस्ट को बेस्ट बनाया, दुनिया में क्रिकेट को अलग पहचान कैसे दिलाई? जानते हैं स्टोरी में…
1. टी-20 युग में टेस्ट को बेस्ट बनाया
ड्रॉ नहीं, जीत के लिए खेले
36 साल के विराट का टेस्ट संन्यास कई मामलों में जल्दबाजी नजर आया, लेकिन 14 साल के करियर में उन्होंने ऐसे कारनामें कर दिखाए जो कोई दूसरा भारतीय कप्तान 93 साल के इतिहास में नहीं कर पाया। ड्रॉ टेस्ट नहीं, जीत के लिए खेले। रिकॉर्ड्स नहीं, 20 विकेट लेकर मैच जीतने पर फोकस किया। बल्लेबाजी नहीं, तेज गेंदबाजी से टीम को मजबूत किया और विदेश में जीतने वाली टीम तैयार की।
विराट कोहली ने 2014 में पहली बार टेस्ट कप्तानी की और पहले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड मैदान पर 2 शतक लगा दिए। वे टीम को जीत दिलाने गए, लेकिन उनके आउट होते ही टीम हार गई। इसी सीरीज में एमएस धोनी ने टेस्ट से संन्यास लिया और कोहली को परमानेंट कमान मिल गई। कोहली सीरीज तो नहीं जिता सके, लेकिन उन्होंने अपनी अटैकिंग कप्तानी की झलक दिखा दी।
भारत में एक भी सीरीज नहीं गंवाई
विराट की कप्तानी में भारत ने 2015 से 2021 तक घरेलू मैदान पर एक भी टेस्ट सीरीज नहीं गंवाई। उन्होंने 11 घरेलू सीरीज में भारत की कप्तानी की और सभी जीती, वे भारत में सबसे ज्यादा 24 टेस्ट जीतने वाले कप्तान बने। उनकी कप्तानी में टीम ने महज 2 मुकाबले गंवाए। वनडे और टी-20 में भारत को ICC ट्रॉफी जिताने वाले एमएस धोनी और रोहित शर्मा भी इस मामले में विराट से पीछे रहे।