बुद्ध की कहानी से सीखें सफलता का रहस्य
12 मई को गौतम बुद्ध की जयंती है। इस दिन बुद्ध की शिक्षाओं को जीवन में उतारने का संकल्प लेंगे तो जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। अधिकतर लोग काम की शुरुआत तो करते हैं, लेकिन जल्दी ही धैर्य खो बैठते हैं। परिणामस्वरूप न तो किसी प्रयास में गहराई तक जा पाते हैं और न ही सफलता मिलती है। गौतम बुद्ध ने एक प्रसंग में बताया है सफलता कैसे मिल सकती है… जानिए ये प्रसंग…
गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ा एक प्रसिद्ध प्रसंग है जो आज भी हमें एक बड़ा जीवन मंत्र सिखाता है। एक बार बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक गांव की ओर उपदेश देने जा रहे थे। रास्ते में शिष्यों ने देखा कि धरती पर कई जगह गड्ढे खुदे हुए थे। यह दृश्य हैरान करने वाला था। उनमें से एक शिष्य ने उत्सुकतावश बुद्ध से पूछा, “इन गड्ढों का क्या रहस्य है, तथागत? किसने और क्यों इतनी जगह खुदाई की है?”
बुद्ध मुस्कराए और उत्तर दिया, “किसी व्यक्ति ने पानी की तलाश में इन गड्ढों को खोदा है। वह हर जगह थोड़ी-थोड़ी खुदाई करता, लेकिन जब पानी नहीं मिला तो दूसरी जगह चला जाता। यदि वह एक ही स्थान पर लगातार खुदाई करता, तो अवश्य ही पानी निकल आता।”
धैर्य और निरंतरता है सफलता का रहस्य
बुद्ध की ये बात केवल पानी की तलाश तक सीमित नहीं है। यह हमारे जीवन की कई वास्तविकताओं पर लागू होती है। हम जब किसी लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो शुरुआत में जोश से भरपूर होते हैं, लेकिन जैसे ही कठिनाइयां आती हैं, हम नई राह चुन लेते हैं, सोचते हैं शायद वहां सफलता जल्दी मिल जाए। ये प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है, और अंततः हम थक कर बैठ जाते हैं।
बुद्ध ने इस कहानी के माध्यम से अपने शिष्यों को यह सिखाया कि केवल मेहनत काफी नहीं है। अगर आप सफल होना चाहते हैं तो धैर्य रखना बेहद जरूरी है। कई बार सफलता देरी से मिलती है, लेकिन वह इंतजार उस मेहनत का सबसे मूल्यवान फल होता है।
आज की दुनिया में इस शिक्षा की प्रासंगिकता
आज के दौर में जब कई विकल्प हैं, हर दिशा में आकर्षक अवसर नजर आते हैं। ऐसे में ये तय कर पाना कि किस राह पर चलें, और कब तक चलें, यह कठिन हो सकता है। लेकिन बुद्ध की ये कहानी हमें संदेश देती है कि एक बार यदि हमने कोई राह चुनी है तो पहले उसे पूरा समझें, उसमें पूरे मन से मेहनत करें और धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करें। यही सफलता का मूल मंत्र है।
बुद्ध की ये कथा संदेश देती है की “गहराई तक पहुंचना है तो एक जगह ठहरना सीखो।” यदि हम अपने जीवन में इस सरल सूत्र को अपना लें, तो सफलता निश्चित है।
सफलता के लिए जरूरी दो गुण
महात्मा बुद्ध की इस कथा से हमें दो महत्वपूर्ण जीवन सूत्र मिलते हैं:
निरंतरता : लक्ष्य को बदलने के बजाय उस पर लगातार मेहनत करना।
धैर्य : देर से परिणाम आने पर भी संयम और आत्मविश्वास बनाए रखना।