पाकिस्तान पीएम बोले- सिंधु जल समझौते पर पाबंदी सही नहीं
इस्लामाबाद। पहलगाम हमले के बाद भारत के सिंधु जल समझौता स्थगित करने को पाकिस्तान ने सही कदम नहीं बताया है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को कहा कि यह पाबंदी सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमें बातचीत से मसले हल करने चाहिए। पाकिस्तान पंजाब में सिंधु नदी पर नई नहरें बना रहा था, जिसे लेकर सिंध में प्रदर्शन किया जा रहा था। अब इसे रोक दिया गया है।
उधर, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भारतीय हाई कमीशन के बाहर भीड़ ने जमकर हंगामा किया, कुछ लोगों ने गेट फांदने की भी कोशिश की और भारत विरोधी नारे लगाए। आरोप लग रहे हैं कि पाकिस्तान ने जानबूझकर भारतीय हाई कमीशन के बाहर से सुरक्षा हटा ली है।
पाकिस्तान बोला- सिंधु जल रोका तो एक्ट ऑफ वॉर होगा
इससे पहले इस्लामाबाद में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NCS) की बैठक हुई। इसमें पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित करने की बात कही। इसमें 1972 का शिमला समझौता भी शामिल है।
पाकिस्तान ने कहा कि अगर भारत सिंधु जल समझौते को रोकता है तो इसे एक्ट ऑफ वॉर यानी जंग की तरह माना जाएगा। पाकिस्तान ने कहा, पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का सभी क्षेत्रों में मजबूती से जवाब दिया जाएगा। हम किसी भी आतंकवादी गतिविधि की निंदा करते हैं।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक NCS की बैठक में कहा गया कि भारत में वक्फ विधेयक को जबरन पारित कराया गया, यह मुसलमानों को हाशिए पर डालने का प्रयास है।
क्या है शिमला समझौता?
शिमला समझौता (Shimla Agreement) भारत और पाकिस्तान के बीच 2 जुलाई 1972 को हुआ था। इस द्विपक्षीय समझौते पर भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति (बाद में प्रधानमंत्री बने) जुल्फिकार अली भुट्टो ने साइन किए थे।
यह समझौता 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद हुआ था। इस युद्ध में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था और उसके 90,000 से ज्यादा सैनिक भारत के कब्जे में थे।
भारत ने देर रात पाकिस्तानी राजनयिक को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ नोट सौंपा
भारत सरकार ने बुधवार देर रात पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक साद अहमद वराइच को दिल्ली में तलब किया और उनके सैन्य राजनयिकों के खिलाफ ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ का आधिकारिक नोट सौंपा। उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा।
‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ का मतलब ‘अवांछनीय व्यक्ति’ है। यह एक लैटिन शब्द है। इसका उपयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है, जिसे किसी देश में रहने या आने की अनुमति नहीं है। यह आमतौर पर डिप्लोमैटिक मामलों में इस्तेमाल किया जाता है।